भारतीय जनता पार्टी ने अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की अध्यक्ष माधवी पुरी बीच के खिलाफ जारी रिपोर्ट को खारिज कर दिया और इसे देश के प्रतिभूति बाजार नियामक को बदनाम करने का प्रयास करार दिया. केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर भारत में वित्तीय अस्थिरता और अराजकता पैदा करने की साजिश का हिस्सा होने का आरोप भी लगाया.

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहज़ाद पूनावाला ने कहा कि ये भारत की इकॉनमी को ख़राब करने की कोशिश है. ये रिपोर्ट बिना किसी तथ्य पर बनायी गई है और इसके जरिए भारत को नुकसान पहुंचाने की साजिश है. उन्होंने पूछा कि विपक्ष क्यों झूठे विदेशी रिपोर्ट पर इतना उत्साहित है? क्या उसे सुप्रीम कोर्ट पर भी विश्वास नहीं है? क्या वो बांग्लादेश वाला कंडीशन भारत में भी चाहते हैं?

भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पिछले साल अदाणी समूह के खिलाफ गंभीर आरोप लगाने वाली शॉर्ट सेलिंग कंपनी (हिंडनबर्ग) भारतीय जांच एजेंसियों की जांच का सामना कर रही है. विपक्षी दल भी हिंडनबर्ग के आरोपों के साथ सुर मिला रहे हैं और साजिश अब स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है कि वे अराजकता और अस्थिरता पैदा करना चाहते हैं, खासकर वित्तीय क्षेत्र में.

विदेशी धरती से आयी ऐसी कई आलोचनात्मक रिपोर्टों को संसद सत्रों के ठीक पहले जारी किये जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि विपक्षी नेताओं को पता था कि ये रिपोर्ट संसद सत्र के दौरान आने वाली है.

संसद का मानसून सत्र पहले सोमवार को समाप्त होना था लेकिन इसे शुक्रवार को ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया.

भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि शॉर्ट सेलिंग कंपनी ने कांग्रेस के साथ ‘स्पष्ट साझेदारी’ में बाजार नियामक सेबी पर हमला किया है और इसका एक मकसद और लक्ष्य है. उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि ये दुनिया की सबसे मजबूत वित्तीय प्रणालियों में से एक को अस्थिर और बदनाम करने और दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में अराजकता पैदा करने के लिए है.

चंद्रशेखर ने कहा कि उन्होंने रिपोर्ट पढ़ी है. उन्होंने दावा किया कि इसमें ‘कांग्रेस शैली की मासूमियत और झूठ एक साथ’ झलकता है और इसका उद्देश्य नियामक को बदनाम करना और बाजारों में अराजकता और नुकसान पैदा करना है. मैं बार-बार कहता हूं कि कांग्रेस के परिवारवादियों की मदद से कई वैश्विक ताकतें भारत की प्रगति को धीमा करना चाहती हैं. हम उन्हें ऐसा नहीं करने देंगे.’

वहीं सेबी अध्यक्ष और उनके पति ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया है और जोर देकर कहा है कि उनका वित्त एक खुली किताब है.

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