Hezbollah Chief Nasrallah killed: बेरूत में एक भूमिगत बंकर को निशाना बनाकर किए गए इजरायली हवाई हमले (Israeli Airstrike) में शुक्रवार को हिजबुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह (Hezbollah’s leader Hassan Nasrallah) की मौत हो गई. ईरान ने तो इसे मानने से साफ इन्कार कर दिया, मगर शनिवार तक न सिर्फ ईरान को बल्कि हिज्बुल्लाह को भी मानना पड़ा कि हिज्बुल्लाह मारा गया.इजरायली वायुसेना के इस प्लांड हमले में कई खुफिया एजेंसियों का सहयोग शामिल था. इसी कारण नसरल्लाह के साथ-साथ कई वरिष्ठ हिजबुल्लाह अधिकारियों और उसकी बेटी की मौत हो गई.
60 फीट नीचे था बंकर
इजरायल के इस हमले को हाल के इतिहास में किसी शहर पर सबसे बड़े हमलों में से एक बताया जा रहा है. यह हमला दक्षिणी बेरूत में हुआ. वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल के हमलों का तत्काल जवाब नहीं देने का दबाव ईरान हिज्बुल्लाह पर बना रहा था. इसी कारण नसरल्लाह और हिज्बुल्लाह के अन्य बड़े कमांडर इज़रायल के खिलाफ रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए इस बंकर में एकत्र हुए थे. यह हिज्बुल्लाह का मुख्यालय था और इसे खास तौर जमीन से 60 फीट नीचे तक बनाया गया था. इसका मकसद किसी भी हवाई हमले से बचाव था. इजरायल को भी इस बात का पता था.
इन बमों का किया इस्तेमाल
इसीलिए हमले में इजरायली सेना ने हमले में 60 फीट नीचे स्थित एक भारी किलेबंद बंकर को निशाना बनाया गया.इसके लिए लगभग 80 टन विस्फोटकों का इस्तेमाल किया. इसमें भी लगभग 85 स्पेशल बंकर-बस्टर बम शामिल थे. इन्हें खास तौर पर पत्थरों से बने बंकरों के लिए बनाया गया था. ये बम 30 मीटर धरती या छह मीटर कंक्रीट को भेदने में सक्षम थे. साथ ही इनकी सटीकता को लेकर भी कोई संदेह नहीं था. बंकर-बस्टर बमों का वजन 907 किलोग्राम से 1,814 किलोग्राम के बीच है. बमों का डिजाइन द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान विकसित उन्नत तोपखाने और विशेष रूप से रोचलिंग गोले से मिलता जुलता है.
हिज्बुल्लाह को किया बर्बाद
टाइम्स ऑफ इज़रायल के अनुसार, इजरायल एयरफोर्स (IAF) के 69वें स्क्वाड्रन के कमांडर ने संवाददाताओं को बताया कि हमने जो भी योजना बनाई थी, उसे बिना किसी त्रुटि के सटीकता से क्रियान्वित किया गया.खुफिया जानकारी, प्लानिंग, और विमानों के ऑपरेशन में कहीं कोई दिक्कत नहीं आई. हाल में इज़रायल ने लेबनान में अब तक 2,000 से अधिक हवाई हमले किए हैं. हमले में हिज़्बुल्लाह की सैन्य संपत्तियों को भी निशाना बनाया गया है. इसके साथ ही उसके महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और मिसाइलों का जखीरा भी नष्ट कर दिया है. इज़रायली सैन्य अधिकारियों ने संकेत दिया कि ऑपरेशन के लिए महीनों से योजना बनाई जा रही थी. वास्तविक समय की खुफिया जानकारी ने हमले के समय बंकर में नसरल्लाह की मौजूदगी की पुष्टि की थी. इज़रायली प्रवक्ता नदाव शोशानी ने डब्ल्यूएसजे को बताया कि हमारे पास खुफिया जानकारी थी कि नसरल्लाह वरिष्ठ आतंकवादियों से मिल रहा था और हमने उसके अनुसार कार्रवाई की.
नेतन्याहू ने कब दी मंजूरी
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations) को संबोधित करते हुए हमले को मंजूरी दी.अपने भाषण के दौरान, नेतन्याहू ने आतंकवाद की निंदा की और अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए इज़रायल की प्रतिबद्धता पर जोर दिया. हमले के बाद अपनी पहली सार्वजनिक टिप्पणी में नेतन्याहू ने नसरल्लाह को आतंकवादी कहा और यह भी दावा किया कि उसे हटाना इजरायल के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक है.संघर्ष ने पहले ही इज़राइल-लेबनान सीमा के दोनों ओर हजारों लोगों को विस्थापित कर दिया है. संयुक्त राष्ट्र ने बताया कि केवल पिछले सप्ताह में 2,00,000 से अधिक लेबनानी नागरिक विस्थापित हुए हैं. लड़ाई तेज होने के कारण कई और लोगों के भागने की आशंका है. इजरायल ने हिज्बुल्लाह के खिलाफ अपने सैन्य अभियान तब तक जारी रखने की कसम खाई है, जब तक कि समूह अपने हमले बंद नहीं कर देता.
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