महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं. चुनाव जैसे-जैसे पास आ रहे हैं राजनीति भी तेज हो गई है. कांग्रेस ने बीजेपी के खिलाफ लापता लेडीज कैंपेन (Maharashtra Congress Laapataa Ladies Campaign)  शुरू किया है. इस कैंपेन के जरिए कांग्रेस  महिला सुरक्षा के मुद्दे पर बीजेपी को घेरने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस ने इसे लेकर पोस्टर छपवाए और पूरे महाराष्ट्र में इन पोस्टरों को चस्पा करवाया है. इस पर मराठी में एक छोटे वाक्य के साथ ‘लापता लेडीज’ लिखा हुआ है. इसमें लिखा है कि एक साल में कितनी महिलाएं राज्य से लापता हो जाती हैं. इसके साथ ही महायुति सरकार को निशाने पर लिया है. 

कांग्रेस का ‘लापता लेडीज’ कैंपेन

 कांग्रेस ने बताया कि “एक साल में 64,000 महिलाएं लापता हैं. पोस्टर में उनका हुलिया मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्रियों देवेन्द्र फडणवीस और अजित पवार से मिलता जुलता दिखाया गया है. पिछले साल रिलीज हुई फिल्म लापता लेडीज कॉमेडी-ड्रामा से भरपूर थी. पितृसत्तात्मक समाज के खिलाफ मैसेज के लिए फिल्म से खूब तारीफें बटोरी थीं. इस फिल्म को ऑस्कर में भी भेजा गया है. अब कांग्रेस ने ‘लापता लेडीज’ नाम से अपना कैंपेन शुरू किया है. 

कांग्रेस ने यह कैंपेन पिछले महीने बदलापुर में दो स्कूली छात्राओं के रेप की पृष्ठभूमि पर शुरू किया है. इसमें खासकर देवेंद्र फड़नवीस को टारगेट बनाया गया है. दरअसल देवेंद्र फडणवीस ने पिछले साल अगस्त में विधानसभा में कहा था कि राज्य में लापता होने वाली 10 प्रतिशत महिलाएं घर नहीं लौटती हैं.

“महिलाओं की सुरक्षा देश के लिए चिंता की बात है. महाराष्ट्र में, हर साल करीब 64,000 लड़कियां और महिलाएं लापता हो जाती हैं. साल 2019 और 2020 में कोरोना के दौरान भी यह आंकड़ा समान ही था. 2021 में महिलाओं के लापता होने के 61,000 मामले दर्ज किए गए, उनमें से 87% महिलाएं घर लौट आईं, जबकि 2022 में लापता लड़कियों और महिलाओं में से 86% घर वापस आ गई, हम इस प्रतिशत को कम करने के लिए कदम उठा रहे हैं.”

कांग्रेस ने महिला सुरक्षा पर बीजेपी को घेरा

कांग्रेस ने अब महिला सुरक्षा पर उनके ही ट्रैक रिकॉर्ड को लेकर महायुति सरकार पर निशाना साधाते हुए उसी के नंबर का हवाला दिया है.  बता दें कि विधानसभा चुनाव से पहले महिला वोटर्स तक पहुंचने के लिए, शिंदे सरकार ने ‘माझी लड़की बहिन योजना’ का ऐलान किया है, जिसके तहत 21-65 साल की उम्र की पात्र महिलाओं को हर महीने 1,500 हजार रुपए दिए जाएंगे. अगर उनकी पारिवारिक इनकम 2.5 लाख से कम है तो ही ये पैसा उनको दिया जाएगा. 

बीजेपी और कांग्रेस में होगी कांटे की टक्कर

आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी, शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी गठबंधन को कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है. कांग्रेस का महाविकास अघाड़ी गुट उनके सामने है. 4 महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में विपक्षी गुट ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 48 में से 30 सीटों पर जीक हासिल की थी. इस जीत का फायदा विपक्ष विधानसभा चुनाव में लेने की भी पूरी कोशिश करेगा. 

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