एक शोध में यह बात सामने आई है कि बच्चों में असामान्य बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) चाहे ज्यादा हो या कम, वह फेफड़ों की कार्यक्षमता में कमी से जुड़ा हो सकता है. लगभग 10 प्रतिशत लोग बचपन में खराब फेफड़ों की कार्यक्षमता से पीड़ित होते हैं. वे वयस्क होने पर फेफड़ों की सही क्षमता भी प्राप्त नहीं कर पाते हैं, जिससे हृदय रोग, फेफड़ों की बीमारी और मधुमेह जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है. हालांकि, स्वीडन में कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन से पता चला है कि अगर वयस्क होने से पहले उनका बीएमआई सामान्य हो जाता है, तो इस कमी को दूर किया जा सकता है.

टीम ने जन्म से लेकर 24 वर्ष की आयु तक 3,200 बच्चों का अध्ययन किया. बीएमआई सबसे सामान्य शारीरिक माप है, जिसमें वजन को तो ध्यान में रखा जाता है. लेकिन, मांसपेशियों और वसा को नहीं. इसे लगभग 4 बार मापा गया. यूरोपियन रेस्पिरेटरी जर्नल में प्रकाशित परिणामों से पता चला कि असामान्य वजन और ऊंचाई खराब फेफड़ों की कार्यक्षमता से जुड़े प्रमुख जोखिम कारक थे.

ये भी पढ़ें- महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद है हाई-इंटेंसिटी फिजिकल वर्कआउट : स्टडी

शोध में सामने आया कि लगातार हाई बीएमआई या तेजी से बढ़ते बीएमआई वाले बच्चों में वयस्क होने पर फेफड़ों की कार्यक्षमता में कमी देखी गई. यह मुख्य रूप से फेफड़ों में सीमित वायु प्रवाह (रेस्ट्रिक्टेड एयरफ्लो) का परिणाम था, जिसे अवरोध के रूप में जाना जाता है.

कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट में शिशु रोग के प्रोफेसर और मुख्य शोधकर्ता एरिक मेलेन ने बताया कि यौवन (प्यूबर्टी) से पहले जिन बच्चों का बीएमआई शुरू में उच्च लेकिन सामान्य था, वयस्क होने पर उनके फेफड़ों की कार्यक्षमता में कोई कमी नहीं आई. इससे यह पता चलता है कि बच्चों के जीवन के शुरुआती वर्षों और उनके शुरुआती स्कूली वर्षों और किशोरावस्था के दौरान उनके विकास को अनुकूल बनाना कितना महत्वपूर्ण है.

कम बीएमआई को अपर्याप्त फेफड़ों के विकास के कारण कम फेफड़ों की कार्यक्षमता से भी जोड़ा जा सकता है. शोधकर्ताओं ने केवल अधिक वजन पर ध्यान देने के बजाय पोषण संबंधी उपायों पर ध्यान देने की आवश्यकता पर भी बल दिया.
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *