अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की सरकार बनने जा रही है. रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप को 538 में से 280 सीटें मिल चुकी हैं. ये बहुमत के लिए जरूरी 270 सीटों से 10 सीट ज्यादा है. जबकि, डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से भारतीय मूल की कैंडिडेट कमला हैरिस (Kamala Harris) कड़ी टक्कर देने के बावजूद 224 सीटें ही जीत पाई हैं. इस चुनाव में भारतीय मूल के कई नेता भी सीनेटर बने हैं. उप-राष्ट्रपति जेडी वेंज की पत्नी ऊषा भी भारतीय मूल की हैं. राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप अपनी कैबिनेट चुनेंगे. साथ ही कई सीनियर ऑफिसरों को अपॉइंट भी करेंगे. इनमें कश्यप ‘कश’ पटेल का नाम खासा चर्चा में है. कई रिपोर्ट में ऐसा बताया जा रहा है कि ट्रंप कश्यप पटेल को अमेरिका में सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी यानी CIA के हेड की जिम्मेदारी दे सकते हैं.
आइए जानते हैं कौन हैं कश्यप पटेल और कैसे बने ट्रंप के खास:-
न्यूयॉर्क में हुआ जन्म, लॉ की पढ़ाई
कश्यप पटेल का जन्म न्यूयॉर्क में हुआ. पटेल के माता-पिता गुजराती इमिग्रेंट्स थे. ये किसी दूसरे देश से अमेरिका में शिफ्ट हुए थे. कश्यप पटेल ने यूनिवर्सिटी ऑफ रिचमंड से अंडर ग्रैजुएट की पढ़ाई की. न्यूयॉर्क के वेस्टचेस्टर काउंटी स्थित पेस यूनिवर्सिटी से कश्यप ने ग्रैजुएशन किया था. फिर न्यूयॉर्क से ही उन्होंने लॉ की डिग्री ली है. यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन से उन्होंने इंटरनेशनल लॉ में सर्टिफिकेट कोर्स किया है.
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पब्लिक डिफेंडर के तौर पर किया काम
पढ़ाई पूरी करने के बाद कश ने पब्लिक डिफेंडर के तौर पर काम करना शुरू किया. मियामी के लोकल और फेडरल कोर्ट में उन्होंने पब्लिक डिफेंडर के तौर पर 9 साल बिताए. बाद में जस्टिस डिपार्टमेंट ज्वॉइन किया.
कश पटेल को ट्रंप के सहयोगी रिपब्लिकन डेविन नून्स के नेतृत्व वाली हाउस परमानेंट सेलेक्ट कमेटी ऑन इंटेलिजेंस के लिए एक स्टाफर के तौर पर अपॉइंट किया गया था. नून्स ने पटेल को 2016 के इलेक्शन कैंपेन में रूसी दखल की जांच के लिए बनाई कमिटी में जॉब दी थी.
डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के साथ भी जुड़े रहे
US डिपार्टमेंट के डिफेंस प्रोफाइल के मुताबिक, कश्यप पटेल ने इस दौरान डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस में भी काम किया. वो ज्वॉइंट स्पेशल ऑपरेशंस कमांड में भी काम कर चुके हैं.
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ट्रंप के बेहद वफादार
न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक, कश्यप ‘कश’ पटेल का करियर और अनुभव उन्हें बाकी ट्रंप समर्थकों से अलग करता है. वो खुद को डिफेंस अटॉर्नी, फेडरल प्रॉसिक्यूटर, हाउस स्टाफर और नेशनल सिक्योरिटी ऑफिसर के रूप में पेश करते हैं. कश पटेल की सबसे बड़ी खासियत ये है कि वो ट्रंप के प्रति बेहद वफादार हैं. अगर ट्रंप कश पटेल को सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी की कमान सौंपते हैं, तो इसका फायदा उन्हें भी होगा.
पिछले कार्यकाल में ही FBI या CIA का चीफ बनाना चाहते थे ट्रंप
दरअसल, 45वें राष्ट्रपति रहते हुए डोनाल्ड ट्रंप कश पटेल को फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन FBI या CIA का डिप्टी डायरेक्टर बनाना चाहते थे. ऐसा करके उनका मकसद इंटेलिजेंस एजेंसियों पर अपनी पकड़ मजबूत करना था. हालांकि, CIA डायरेक्टर जीना हैस्पेल ने इस्तीफे की धमकी दी और अटॉर्नी जनरल बिल ने इस कदम का विरोध किया. क्योंकि कश के पास दुनिया की सबसे बड़ी इंटेलिजेंस एजेंसी चलाने का कतई अनुभव नहीं था. विरोध को देखते हुए आखिरकार ट्रंप को अपना इरादा बदलना पड़ा.
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कश्यप ‘कश’ पटेल एक इंटरव्यू में खुद भी ट्रंप की पॉलिसी से सरोकार जता चुके हैं. उन्होंने कहा था कि वो ट्रंप के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर पूरी तरह से एकमत हैं. कश उन इंटेलिजेंस ऑफिसरों को भी पद से हटाने के पक्ष में थे, जिन्होंने ट्रंप के प्रति वफादारी नहीं निभाई थी.
लिख चुके कई किताबें
कश्यप कश पटेल कई किताबें लिख चुके हैं. हाल ही में उन्होंने ‘Government Gangsters: The Deep State, the Truth, and the Battle for Our Democracy’ नाम से एक किताब लिखी थी. इसमें उन्होंने ट्रंप के कार्यकाल के दौरान सरकारी एजेंसियों की गहरी साजिशों का खुलासा किया था. उन्होंने बच्चों के लिए भी दो फिक्शनल लिखे हैं. इन किताबों में ट्रंप को एक किंग की तरह दिखाया गया है. जबकि कश खुद के एक मैजिकमैन की तरह पेश करते हैं.
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