दिल्ली की हवा हर दिन जहरीली होती जा रही है. बढ़ते वायु प्रदूषण से लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी है.
दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स गुरुवार की सुबह औसतन 426 रहा. दिल्ली दुनिया में दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा. दिल्ली की हवा के गिरती क्वालिटी के बाद भी CAQM यानी कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ने राज्य में शुक्रवार से GRAP-3 लागू कर दिया है. GRAP का स्टेज III तब लागू किया जाता है, जब AQI 401-450 की सीमा में गंभीर हो जाता है.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने सुबह 7 बजे जो आंकड़ों जारी किए उसके अनुसार, दिल्ली के कई इलाकों में AQI “गंभीर” श्रेणी में पहुंच गया है. आनंद विहार का AQI 473, द्वारका का 458, आरके पुरम का 454, मुंडका का 460 और चांदनी चौक का 407 दर्ज किया गया.

इस बीच पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार शहर में वायु गुणवत्ता में गिरावट से निपटने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान GRAP- 3 के तहत प्रदूषण नियंत्रण उपायों को सख्ती से लागू करना सुनिश्चित करेगी. 

GRAP-3 के कितने फेज?
– ग्रेप-1 तब लगाया जाता है जब AQI 201 से 300 यानी खराब स्थिति में पहुंच जाती है.
– ग्रेप-2 को लागू तब किया जाता है जब AQI 301 से 400 तक पहुंच जाता है.
– हवा की गुणवत्ता गंभीर रूप से खराब होने (AQI 401 से 450) पर ग्रेप-3 लगाया जाता है. 
– AQI 450 से ज्यादा होने पर ग्रेप-4 लागू किया जाता है.

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ग्रैप 3 में रहती हैं कौन-कौन सी पाबंदियां?
-BS-3 पेट्रोल और BS-4 डीजल फोर व्हीलर गाड़ियों पर बैन.
-दिल्ली में हल्के कमर्शियल गाड़ियों, डीजल ट्रकों की एंट्री पर रोक.
-गैर-जरूरी कंस्ट्रक्शन, तोड़फोड़ गतिविधियों पर रोक.
-होटल-रेस्तरां के तंदूर में कोयले और लकड़ी के इस्तेमाल पर पाबंदी.
-सिर्फ इमरजेंसी के लिए ही डीजल जनरेटर सेट के इस्तेमाल की छूट.
– अस्वीकृत स्टैंडर्ड लिस्ट में शामिल फ्यूल पर चलने वाले इंडस्ट्रियल ऑपरेशन पर पाबंदी.
-धूल को दबाने के लिए सड़कों की सफाई और पानी का छिड़काव किया जाएगा.
-प्राइमरी क्लास के बच्चों की ऑनलाइन क्लास को लेकर राज्य सरकारें फैसला ले सकती हैं.

NCR की हवा भी हुई खराब
गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम और ग्रेटर नोएडा सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में मंगलवार को वायु गुणवत्ता ‘खराब’ रही थी. वहीं, फरीदाबाद में एक्यूआई ‘मध्यम’ श्रेणी में दर्ज किया गया. CPCB के मुताबिक, दिल्ली के 36 निगरानी केंद्रों में से 30 ने वायु गुणवत्ता को ‘गंभीर’ करार दिया.

क्यों बढ़ता है प्रदूषण?
दिल्ली के आसपास के राज्यों यानी पंजाब, हरियाणा और यूपी में पराली जलाने को भी प्रदूषण बढ़ने का एक मुख्य कारण माना जा रहा है. इन राज्यों में पराली जलाना जारी है. हालांकि, खेत में आग लगने की संख्या पिछले दो सालों की तुलना में कम है. इस साल अब तक 2500 से ज्यादा पराली जलाने के मामले सामने आ चुके हैं. वहीं, दीपावली के समय हुई आतिशबाजी और गाड़ियों से निकलने वाले धुएं को भी प्रदूषण का बड़ा कारण माना जाता है.

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दिल्ली में ठंड का अहसास
प्रदूषण के साथ ही दिल्ली में ठंड का अहसास भी होने लगा है. शहर के न्यूनतम तापमान में काफी गिरावट आई है. पिछले 24 घंटों के दौरान दिल्ली-NCR में न्यूनतम तापमान  14 -18°C के बीच है. अधिकतम तापमान 30-33  डिग्री के बीच रिकॉर्ड किया गया है. ऐसे में दिल्ली वासियों को कोहरे और प्रदूषण की दोहरी मार झेलनी पड़ सकती है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
सेंटर फॉर साइंस एंड एंवॉयरनमेंट के सीनियर प्रोग्राम मैनेजर विवेक चट्टोपाध्याय के मुताबिक, दिल्ली में 30% प्रदूषण पराली जलाने से हुआ है. 50% प्रदूषण दिल्ली-NCR के शहरों का है. उत्तर पश्चिम से हवाएं दिल्ली आ रही हैं. उन्होंने बताया कि वर्ल्ड बैंक की स्टडी बताती है कि पाकिस्तान और पंजाब का प्रदूषण 30% रहता है. पाकिस्तान और भारत का पंजाब एक ही जोन में है. यहां की हवा एक जैसे बिहेव करती है.

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कैसे बदल सकती है दमघोंटू हवा?
विवेक चट्टोपाध्याय के मुताबिक, प्रदूषण को ठीक करने का समाधान पंजाब और दिल्ली दोनों को मिलकर निकालना होगा. अगले दो दिन बहुत खराब स्थिति रहेगी. इसलिए इसका तत्काल उपाय जरूरी है. हमें कार ड्राइव करने की जगह कार पूलिंग के ऑप्शन पर विचार करना चाहिए. साथ ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर भी ध्यान देना होगा.

बाकी देश क्या करते हैं?
विवेक चट्टोपाध्याय ने बताया कि प्रदूषण को कम करने के लिए बाकी देश डीजल व्हीकल पर रोक लगा देते हैं. 
पेरिस और सियोल में पब्लिक ट्रांसपोर्ट फ्री हो जाता है. स्कूलों में छुट्टियां कर दी जाती हैं. नियमों का पालन नहीं करने वाली इंडस्ट्रियों को बंद कर दिया जाता है.

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