PTM : बच्चों को सही शिक्षा और रास्ता घर पर माता-पिता सिखाते हैं और स्कूल में शिक्षक. इन दोनों का ही बच्चे के विकास में अहम भूमिका होती है. ऐसे में स्कूल की पेरेंट टीचर मीटिंग में जरूरी है कि बच्चे की खामियों और अच्छाईयों पर दोनों मिलकर बात करें, ताकि कुछ क्या बेहतर कर सकते हैं, उनके भविष्य के लिए यह समझना आसान हो जाए. लेकिन पीटीएम में कुछ बातें ऐसी भी होती हैं, जिसे माता-पिता के रूप में करने से बचना जरूरी है. उन बातों से मीटिंग का और घर दोनों का माहौल खराब हो सकता है. बिना देर किए आइए जानते हैं आगे आर्टिकल में….
अपने बच्चों को उम्र के अनुसार सिखाएं जिम्मेदारी, भविष्य में नहीं रहेगा किसी पर डिपेंडेंट
पेरेंटस टीचर मीटिंग में क्या नहीं पूछना चाहिए
- कई बार पेरेंट्स टीचर के सामने ही बच्चों को डांट फटकार लगाने लगते हैं. जिससे माहौल खराब हो सकता है. इससे बच्चे की मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है और ऐसे आत्मविश्वास भी कमजोर होता है. साथ ही, माता पिता पर विश्वास बच्चों को कम होने लगता है.
- वहीं, कई बार टीचर की शिकायत पर माता-पिता अपने बच्चे को प्रोटेक्ट करने लगते हैं, जो कि गलत तरीका है. आपको आराम से टीचर से बात करनी चाहिए. उनके प्वाइंट ऑफ व्यू को समझना चाहिए.फिर घर जाकर बच्चे से बात करनी चाहिए.
- इसके अलावा कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों की तारीफ का पुल बांध देते हैं. इस बात से भी मीटिंग में बचना चाहिए, खासकर बच्चों के सामने. इससे बच्चा आपका ओवरकॉन्फिडेंस में आ सकता है.
- जब टीचर आपके बच्चे के बारे में कोई शिकायत करे तो आप उनके सामने एग्रेसिव न हों, बल्कि घर जाकर अच्छे से उसे समझाएं. अगर बच्चे ने कोई गलती की है तो उसके क्या नुकसान हो सकते हैं, इस बारे में बच्चों को बतलाएं ताकि आगे से वैसा करने से बचे.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.