अदाणी ग्रुप ने अमेरिका में रिश्वत के आरोपों को झूठा और निराधार बताया है. एक प्रेस नोट जारी कर अदाणी समूह ने अपनी बात रखी है. इस प्रेस नोट में अमेरिकी अटॉर्नी के कार्यालय के बयान का जिक्र किया है. कहा गया है कि अभियोग में केवल आरोप शामिल हैं और प्रतिवादियों को तब तक निर्दोष माना जाएगा, जब तक कि वे दोषी साबित न हो जाएं. अदाणी समूह इस मामले में कानूनी कदम उठाने जा रहा है. प्रेस नोट में कहा गया है कि अदाणी समूह प्रबंधन और पारदर्शिता के उच्चतम मापदंडों का पालन करता है. वो जिस देश में भी काम करता है वहां के कानून को पूरी तरह मानता है. इस बीच अदाणी ग्रीन एनर्जी ने अमेरिकी डॉलर बांड के जरिए 600 मिलियन डॉलर जुटाने की अपनी योजना को वापस ले लिया है.

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उधर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मामले की जांच जेपीसी से कराने की मांग की है. इस पर बीजेपी के अमित मालवीय ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है कि कांग्रेस एक बार फिर भारत विरोध जॉर्ज सोरोस के हाथों की कठपुतली बन रही है. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस को इतना उत्साह दिखाने के बजाय कानून को अपना काम करने देना चाहिए.उन्होंने भी एक बार फिर याद दिलाया है कि आरोपी तब तक बेगुनाह माना जाता है जब तक आरोप साबित न हो जाएं.

अमित मालवीय ने अपने ट्वीट में अदाणी ग्रुप पर इन आरोपों के समय को लेकर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि संसद सत्र और ट्रंप के सत्ता में आने के पहले इन आरोपों का आना कई सवाल उठाते हैं. इस बीच ट्रंप ने अमेरिका में जजों की बहाली को एक लेकर एक तीखा पोस्ट लिखा है. उन्होंने कहा है कि डेमोक्रेट अदालतों में कट्टर वामपंथी जजों को भरना चाहते हैं. रिपब्लिकन सिनेटरों को इसके खिलाफ कदम उठाना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि सत्ता परिवर्तन से पहले कोई नया जज कुर्सी पर ना बैठे. इस पर ट्रंप कैबिनेट में शामिल होने जा रहे एलन मस्क एक्स पर लिखा कि ये बहुत अहम बात है.

वहीं, भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कहा कि भारत और देश के लिए काम करने वाली संस्थाओं पर हमला करना राहुल गांधी की सामान्य रणनीति है, उन्होंने राफेल मुद्दे को भी इसी तरह से उठाया था. राहुल भले ही प्रधानमंत्री मोदी की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हों लेकिन उनकी विश्वसनीयता इतनी ज्यादा है कि हाल ही में विदेश में उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा गया है. 

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