राजस्थान के भिवाड़ी जिले के लाहडोद गांव में एक दूल्हे को अपनी बारात में घोड़ी पर बैठने के लिए पुलिस का सहारा लेना पड़ा. दरअसल इस गांव में आजतक किसी दलित दूल्हे की बारात घोड़ी पर नहीं निकली थी. ऐसे में आशीष की शादी जब तय हुई, तो उसने ठान ली कि वो अपनी बारात घोड़ी पर ही निकालेगा. शादी वाले दिन आशीष ने घोड़ी पर ही जाने की जिद पकड़ ली और पुलिस से मदद मांगी. जिसके बाद भारी पुलिस की मौजूदगी में उसकी बारात निकाली गई. इस दौरान दो थानों की पुलिस जाप्ता गांव में मौजूद रही.

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दरअसल आशीष और उसके परिवार वालों को डर था घोड़ी पर बैठकर बारात निकाली तो विशेष समुदाय के लोग उनपर हमला न कर दें. ऐसे में इन्होंने पुलिस से मदद मांगी औप कोटकासिम थाने में विशेष समुदाय के खिलाफ शिकायत की.  

शादी वाले दिन दो थानों के एसएसचओ के साथ भारी पुलिस जाप्ता लाहडोद गांव पहुंचे और पुलिस की मौजूदगी में घोड़ी पर बारात निकाली. कोटकासिम थानाधिकारी नंदलाल जांगिड़ ने बताया कि उन्हे लिखित में शिकायत मिली थी कि विशेष समुदाय के लोग निकासी को लेकर झगड़ा कर सकते है. जिसकी सूचना पर पुलिस पहुंची और शांतिपूर्ण तरीके से घोड़ी पर दूल्हे की निकासी निकाली गई. मौके पर भिवाड़ी सीआईडी इंचार्ज और किशनगढ़बास थाने के थानाधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे. 

रिपोर्टर-Kritarth Singh Thakur

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