हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के डिनर में जंगली मुर्गा परोसने का हिमाचल विधान सभा में गूंजा है. धर्मशाला में शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सदन में जाने से पहले विपक्ष जंगली मुर्गे के पोस्टर लेकर विपक्ष ने प्रदर्शन किया और कहा कि जंगली मुर्गे का शिकार करना गैर कानूनी है. सरकार को मुर्गा मारने और खाने वालों पर FIR करनी चाहिए थी. लेकिन सरकार ने उल्टा मीडिया पर FIR की, जिन्होंने इस मामले को उजागर किया.

पुर्व मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मुर्गा वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट में आता है. ऐसे में जिन लोगों ने जंगली मुर्गे का शिकार किया उन पर सरकार को कारवाई करनी चाहिए थी. लेकिन सरकार ने भाजपा विधायक और मीडिया के लोगों व संस्थानों पर FIR दर्ज की है, जो निंदनीय है. सरकार तुरंत FIR को रद्द करें और दोषी लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करें. सरकार पत्रकारों की आवाज को दबाने का काम कर रही है.

बीजेपी की हिमाचल प्रदेश इकाई ने अपने सहयोगियों को कथित तौर पर ‘जंगली मुर्गा’ खाने की सलाह देने वाले बयान को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की आलोचना करते हुए उनसे माफी की मांग की है. इस बीच, सुक्खू ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि गांवों में मांसाहारी भोजन करना जिंदगी जीने का एक तरीका है और उन्होंने विपक्षी नेताओं पर इसे बेवजह ही मुद्दा बनाने का आरोप लगाया.

इंटरनेट पर एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें सुक्खू कहते हुए नजर आ रहे हैं, ‘‘इनको दो जंगली मुर्गा, हमे थोड़ी खाना है.” इसके बाद सुक्खू अपने सहयोगियों से पूछते हैं कि क्या वे यह व्यंजन खाना चाहेंगे. बीजेपी ने इसी वीडियो को लेकर सुक्खू पर निशाना साधा है.

यह वीडियो शिमला जिले के दूरदराज के टिक्कर इलाके में बनाया गया था, जहां मुख्यमंत्री शुक्रवार रात स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शैंडी और अन्य अधिकारियों के साथ रात्रि भोज कर रहे थे. इस रात्रि भोज में ही यह व्यंजन परोसा गया था.

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