अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस एक बार फिर भारतीय राजनीति में एक अहम मुद्दा बनते दिख रहे हैं. कांग्रेस के सांसद शशि थरूर और केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के बीच जॉर्ज सोरोस को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जुबान जंग छिड़ी हुई है.इस जंग के केंद्र में हैं 2009 में किए गए कुछ पोस्ट. जिसे लेकर अब शशि थरूर ने हरदीप पुरी पर आरोप लगाया है कि पुरी ने जॉर्ज सोरोस से न्यूयॉर्क में मुलाकात की थी. थरूर का तो यहां तक कहना है कि पुरी ने सोरोस को डिनर पर भी बुलाया था. शशि थरूर द्वारा लगाए इन आरोपों को लेकर हरदीप पुरी ने भी एक्स पर एक पोस्ट लिखकर  जवाब दिया है. पुरी ने कहा कि सोरोस को डिनर पर खुद थरूर ने ही बुलाया था. थरूर औऱ पुरी के बीच जारी जुबानी जंग के बीच आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस के साथ संबंधों को लेकर कांग्रेस पार्टी को लंबे से घेरती रही है. 

यहां से शुरू हुई ये बहस 

शशि थरूर और हरदीप पुरी के बीच जारी जुबानी जंग की शुरुआत उस वक्त हुई जब 15 दिसंबर को कर्नाटक के एक बीजेपी कार्यकर्ता ने शशि थरूर की 2009 की एक पुरानी पोस्ट साझा की. इस पोस्ट में शशि थरूर ने लिखा था कि पुराने दोस्त जॉर्ज सोरोस से मुलाकात हुई.वह भारत को लेकर आशान्वित हैं और हमारे पड़ोस के बारे में जानने को उत्सुक भी हैं. बीजेपी कार्यकर्ता ने इस पोस्ट पर रिपोस्ट करते हुए सवाल किया की आपको इस पोस्ट को लेकर क्या ख्याल है थरूर?

थरूर ने क्या दिया जवाब 

थरूर ने अपने जवाब में कहा कि मेरे पुराने रिश्तों के कभी कोई राजनीतिक अर्थ नहीं थे. मुझे उम्मीद है कि यह उन लोगों के लिए इस मामले को और स्पष्ट करेगा जो मेरे 15 साल पुरानी पोस्ट को लेकर बेतुका आरोप लगा रहे हैं. थरूर ने आगे लिखा कि मुझे पता है कि ट्रोल फैक्ट्री कैसे काम करती है और मुझे विश्वास है कि ये लोग नहीं समझेंगे. 

पुरी ने किया पलटवार

बीजेपी कार्यकर्ता के उस एक्स पोस्ट के बाद से थरूर औऱ पुरी के एक्स वार शुरू हो गई है. शशि थरूर का यह पोस्ट 15 साल पुराना है. पुरी ने इस पोस्ट और थरूर के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि उन दिनों में अमेरिका में राजदूत था और स्थाई तौर पर यूएन में देश का प्रतिनिधत्व करता था. उस दौर में थरूर विदेश राज्य मंत्री थे. 

पुरी ने अपने सोशल पोस्ट में आगे लिखा कि मैंने उन्हें और उनके साथी को 11 अक्टूबर 2009 को नाश्ते पर और फिर 12 अक्टूबर 2009 की शाम को रात्रि भोज पर बुलाया था. चूंकि मैं तब शहर में बस कुछ ही महीने पहले आया था लेकिन थरूर ने न्यूयॉर्क में काफी समय बिताया था. इसलिए मैंने रात्रिभोज के लिए आमंत्रित लोगों की सूची नहीं बनाई थी. ये मुझे थरूर ने ही दिया था. 

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राजनयिक बिरादरी के सदस्यों के अलावा मैंने सूची में सोरोस का नाम देखा और मुझे स्पष्ट रूप से याद है कि मैंने इसे लेकर तत्कालीन मंत्री (थरूर) से बात भी की थी. के थरूर ने मई 2009 में उनसे मुलाकात भी की थी और इसके बारे में ट्वीट भी किया था.वह मेरे जीवन का एकमात्र अवसर था जब मैं सोरोस से मिला.जब थरूर ने रात्रिभोज के बारे में ट्वीट किया, तो मैंने उन्हें संदर्भ याद दिलाने के लिए 15 दिसंबर को फोन किया. आम तौर पर वह बहुत तत्पर रहता हैं लेकिन इस बार उन्होंने मेरा फोन नहीं उठाया. 

कौन हैं जॉर्ज सोरोस

जॉर्ज सोरोस एक अमेरिकी अरबपति उद्योगपति है. उनका जन्म हंगरी में एक यहूदी परिवार में हुआ था. हिटलर के नाजी जर्मनी में जब यहूदियों को मारा जा रहा था तो वह किसी तरह से वहां से बचकर निकल गए थे.94 साल के अरबपति सोरोस खुद को दार्शनिक और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं. हालांकि, उन पर दुनिया के कई देशों में राजनीति और समाज को प्रभावित करने का एजेंडा चलाने का आरोप भी लगता रहा है.

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