भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले सांसदों के एक समूह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ ‘अपमानजनक और निंदनीय’ शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी के खिलाफ सोमवार को विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया. राज्यसभा सदस्य सुमेर सिंह सोलंकी के नेतृत्व में उन्होंने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की और सोनिया गांधी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की. भाजपा सांसदों ने कहा कि सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति पद की गरिमा को ठेस पहुंचाने का काम किया है.

यह नोटिस सोनिया गांधी द्वारा शुक्रवार को संसद के संयुक्त सत्र में संबोधित किए जाने के बाद राष्ट्रपति मुर्मू पर की गई टिप्पणी को लेकर दिया गया है. सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा संसद परिसर में भाषण पर चर्चा करते देखे गए.

सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक वीडियो में सोनिया गांधी यह कहते हुए सुनी जा रही हैं, ‘बेचारी महिला, राष्ट्रपति आखिर तक बहुत थक गई थीं … वह मुश्किल से बोल पा रही थीं.’

भाजपा सांसदों ने नोटिस में कहा कि यह टिप्पणी गांधी की अभिजात्य और आदिवासी विरोधी मानसिकता की स्पष्ट अभिव्यक्ति है, जिन्हें आदिवासी गरीबों के संघर्ष और संवेदनशीलता का कोई भान नहीं है.

नोटिस में कहा गया है, ‘हम राज्यसभा सदस्य सोनिया गांधी द्वारा हाल ही में राष्ट्रपति के खिलाफ की गई कुछ असंसदीय, अपमानजनक और निंदनीय टिप्पणियों के बारे में बहुत निराशा के साथ लिख रहे हैं, जिन पर गंभीरता से विचार करने और अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की आवश्यकता है.’

उन्होंने नोटिस में कहा, ‘गहरी चिंता के साथ हम इस बयान को रेखांकित कर रहे हैं जो हमारे देश के सर्वोच्च संवैधानिक प्राधिकार भारत के राष्ट्रपति के कद और गरिमा को कम करता प्रतीत होता है.’

उन्होंने कहा कि ऐसी टिप्पणियां न केवल पद की गरिमा को कम करती हैं, बल्कि संसदीय प्रक्रियाओं और परंपराओं की शुचिता का भी उल्लंघन करती हैं.

केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल सहित आदिवासी समुदायों के 22 सांसदों ने सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भी विशेषाधिकार हनन का एक अलग नोटिस दिया, जिसमें निर्दलीय सांसद पप्पू यादव के खिलाफ मुर्मू के लिए की गई उनकी टिप्पणी के मद्देनजर कार्रवाई की मांग की गई.

उन्होंने उनकी टिप्पणी को ‘अपमानजनक और आदिवासी विरोधी’ करार दिया.

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