सीबीआई ने सोमवार को त्रिपुरा चिटफंड घोटाला मामले में लगभग 12 वर्षों से फरार एक आरोपी को महाराष्ट्र के ठाणे में भिवंडी से गिरफ्तार किया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि विकास दास 2013 से फरार था और उसकी गिरफ्तारी के लिए सूचना देने पर 20,000 रुपये का इनाम रखा गया था.

केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि आरोप है कि ‘सूचना रियल प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड’ और दास सहित इसके निदेशकों ने अधिक मुनाफा का वादा करके सैकड़ों निवेशकों से धन एकत्र किया था, लेकिन कंपनी ने शिकायतकर्ता और अन्य निवेशकों को परिपक्वता राशि का भुगतान किए बिना 2012 में अपना कार्यालय बंद कर दिया.

विशेष न्यायाधीश, CBI, अगरतला ने आरोपी को 16 अगस्त 2024 को “घोषित अपराधी” (Proclaimed Offender) करार दिया था और उसके खिलाफ वारंट जारी किया था. CBI ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए ₹20,000/- का इनाम भी घोषित किया था.

तकनीकी निगरानी और लगातार प्रयासों के बाद, CBI ने बिकाश दास को 03 फरवरी 2025 को भिवंडी से गिरफ्तार किया. CBI ने 15 मार्च 2023 और 7 मार्च 2023 को दो मामले दर्ज किए थे, जिसमें बिकाश दास भी आरोपी है. वह “सुछना रियल प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड” नामक चिटफंड कंपनी का निदेशक था.

पहला मामला

यह मामला मूल रूप से थाना कमलपुर, त्रिपुरा में 28 जून 2013 को दर्ज हुआ था. इसे 15 मार्च 2023 को CBI ने रीरजिस्टर किया था

आरोप है कि “सुछना रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड” और इसके निदेशकों (जिसमें बिकाश दास भी शामिल था) ने सैकड़ों निवेशकों से ऊंचे रिटर्न का वादा कर पैसे लिए, लेकिन 2012 में ऑफिस बंद कर दिया और निवेशकों को उनका पैसा नहीं लौटाया. कंपनी ने लगभग ₹6,60,000/- की धोखाधड़ी की थी. मामले की जांच के बाद, CBI ने 21 जनवरी 2025 को बिकाश दास, सुजीत दास और कंपनी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की.

दूसरा मामला

यह मामला पहले थाना तेलियामुरा, जिला खोवाई, त्रिपुरा में 16 मई 2013 को दर्ज हुआ था. CBI ने इसे 7 मार्च 2023 को री रजिस्टर किया. इस मामले की जांच अभी भी जारी है.

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