प्रयागराज में त्रिवेणी के तट पर चल रहे महाकुंभ में अदाणी समूह ने महाप्रसाद का आयोजन किया है, जहां प्रतिदिन लाखों लोग पेट भर रहे हैं. अदाणी परिवार की ओर से किए गए अन्नदान पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने इसे एक महायज्ञ कहा है. उन्होंने कहा कि सबसे अच्छा धन वह होता है, जो दान में दिया जाता है और अदाणी परिवार ने अन्न की आहुति देकर बहुत बड़ा यज्ञ संपन्न किया है, जैसे हम साधु-संत अपने देवता को आहुति दे रहे हैं. 

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, ‘हमारे यहां कहा गया है कि वही धन, धन्‍य है जिसकी प्रथम गति हो… दान, भोग और नाश धन की तीन गति हैं… दान में गया धन, सबसे श्रेष्‍ठ धन कहलाता है… ऐसे मौके पर जब हम यज्ञ करते हैं, तो हम देवताओं को आहुति देते हैं. जो लोग (महाकुंभ में श्रद्धालु) यहां हैं, उन्हें भी देवता मानते हैं. भगवान अदाणी परिवार ऐसा सामर्थ्य प्रदान करे, ताकि वे अच्छे काम करते रहें. अदाणी परिवार द्वारा महाकुंभ में जो किया जा रहा है, उससे मैं बहुत खुश हूं.’ 

अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी बीते 24 जनवरी को प्रयागराज के संगम नगरी पहुंचे थे. महाकुंभ में उन्होंने पत्नी प्रीति अदाणी के साथ ‘संगम घाट’ पर पूजा-अर्चना की थी. साथ ही उन्होंने महाकुंभ मेला में इस्कॉन मंदिर के शिविर का दौरा भी किया था. उस दौरान पत्नी के साथ उन्होंने श्रद्धालुओं के लिए महाप्रसाद बनाया और वितरण भी किया था. गौतम अदाणी ने उस दौरान भी सोशल मीडिया पोस्ट किया था, उस पोस्ट में उन्होंने कई तस्वीरें साझा करते हुए महाकुंभ में आने पर खुशी जताई थी. 

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अदाणी ग्रुप महाकुंभ में इस्कॉन के साथ मिलकर श्रद्धालुओं के बीच महाप्रसाद का वितरण कर रहा है. श्रद्धालु इस पहल की काफी तारीफ कर रहे हैं और उनको धन्यवाद भी दे रहे हैं. अदाणी समूह की पहल महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए न केवल मददगार बनी है, उनकी आध्यात्मिक यात्रा को भी बेहद खास बना रही है. महाकुंभ में अदाणी समूह की सहभागिता समाज सेवा और धर्म के प्रति समर्पण का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत कर रही है, जो श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणादायक साबित हो रही है.

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