2004 में आई वो खौफनाक सुनामी (Ocean tsunami) तो आपको याद ही होगी, जिसमें तमिलनाडु (Tamil Nadu)का कीचनकुप्पम कस्बा भी पूरी तरह तबाह हो गया था. उस समय नागपट्टिनम के कलेक्टर रहे डॉ. जे राधाकृष्णन को बिखरे हुए मलबों में मीना (Meena) नाम की एक छोटी बच्ची रोती हुई मिली थी, जिसे रेस्क्यू के बाद नागपट्टिनम (Nagapattinam) के अन्नाई सत्या सरकारी बाल गृह में रखा गया था. 21 साल बाद अब वही बच्ची बड़ी हो चुकी है, जिसकी शादी (wedding) हाल ही में डॉ. राधाकृष्णन (Dr. J Radhakrishnan) ने करवाई है. दिल को छूने (heartwarming gesture) वाली यह कहानी खुद उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर शेयर की है.
सुनामी के बाद मिली नई जिंदगी
26 दिसंबर 2004 को आई विनाशकारी हिंद महासागर सुनामी ने तमिलनाडु के नागपट्टिनम जिले में भारी तबाही मचाई थी, जिसमें 6,000 से अधिक लोग मारे गए थे. इसी आपदा के बीच, डॉ. जे राधाकृष्णन, जो उस समय नागपट्टिनम के जिला कलेक्टर थे, को मलबे के पास एक छोटी बच्ची मिली, जो रो रही थी. उस बच्ची का नाम मीना था, जिसे बाद में अन्नाई सत्य सरकारी बाल गृह में रखा गया. हालांकि, डॉ. राधाकृष्णन और उनकी पत्नी कृतिका ने मीना की देखभाल जारी रखी और उसे कभी अकेला महसूस नहीं होने दिया.
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IAS अधिकारी का स्नेह बना मिसाल
मीना ने कड़ी मेहनत से पढ़ाई की और नर्स बनीं. इस सफर में डॉ. राधाकृष्णन हमेशा उनके साथ खड़े रहे. यहां तक कि उनके स्थानांतरण के बाद भी, उन्होंने मीना की पढ़ाई और भविष्य को संवारने में मदद की. जब मीना की शादी का समय आया, तो उन्होंने अपनी जिंदगी के इस खास मौके पर अपने ‘पिता समान’ डॉ. राधाकृष्णन को याद किया. यह जानकर IAS अधिकारी ने नागपट्टिनम पहुंचकर खुद शादी में शामिल होने और उसका विवाह संपन्न कराने का फैसला किया.
इमोशनल पोस्ट ने इंटरनेट पर जीते दिल
डॉ. राधाकृष्णन ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में शादी की तस्वीरें और मीना के बचपन की कुछ यादें साझा कीं. उन्होंने लिखा, “नागपट्टिनम में एक दिल छू लेने वाला पुनर्मिलन. मीना और मणिमारन की शादी का हिस्सा बनकर खुशी हुई. सुनामी के बाद नागपट्टिनम के बच्चों के साथ हमारी यात्रा हमेशा आशा से भरी रही है. उन्हें बढ़ते, पढ़ते, स्नातक होते और अब एक खूबसूरत जिंदगी बसाते देखना, आंखों में खुशी के आंसू लाने वाला है.”
इस पोस्ट ने इंटरनेट पर लोगों का दिल जीत लिया और हजारों यूजर्स ने उनकी मानवता को सलाम किया. एक यूजर ने लिखा, “बहुत प्रेरणादायक सर. आपके समर्थन और समर्पण को शब्दों में बयां करना मुश्किल है. आपको सलाम.” वहीं, एक अन्य यूजर ने कहा, “आपने सिर्फ प्रशासनिक अधिकारी के रूप में नहीं, बल्कि एक पिता की तरह बच्चों की देखभाल की. यह बेहद सराहनीय है.”
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