PM Modi Speech In Rajya Sabha: पीएम मोदी राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण का जवाब दे रहे हैं. लोकसभा की तरह राज्यसभा में भी पीएम मोदी पूरी तरह से बैलेंस नजर आए. उन्होंने भाषण की शुरूआत सबका साथ, सबका विकास के अपने शासन के मूल-मंत्र को बताते हुए कांग्रेस पर कटाक्ष किया. पीएम ने कहा, “सबका साथ, सबका विकास इस पर बहुत कुछ कहा गया. मैं समझ नहीं पाता हूं कि इसमे कठिनाई क्या है. सबका साथ, सबका विकास यह तो हम सबका दायित्व है. इसीलिए तो देश ने हम सबको यहां बैठने के अवसर दिया है.”
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “जहां तक कांग्रेस का सवाल है, उनसे सबका साथ, सबका विकास की अपेक्षा करना मैं समझता हूं, बहुत बड़ी गलती हो जाएगी. यह उनकी सोच और समझ के बाहर है और उनके रोडमैप में भी यह सूट नहीं करता है, क्योंकि इतना बड़ा दल परिवार को समर्पित हो गया है. उसके लिए सबका साथ, सबका विश्वास संभव ही नहीं है.”
“कांग्रेस ने राजनीति का एक ऐसा मॉडल तैयार कर लिया था, जिसमें झूठ, फरेब, भ्रष्टाचार, परिवारवाद, तुष्टीकरण सबका घालमेल था. जहां सबका घालमेल हो, वहां सबका साथ हो ही नहीं सकता. कांग्रेस के मॉडल में सबसे आगे फैमिली फर्स्ट है, इसलिए उनकी नीति, रीति और उनकी वाणी, इस एक चीज को संभालने में खपता रहा है.”
“2014 के बाद देश ने हमें सेवा करने का अवसर दिया. मैं देश की जनता का आभारी हूं कि हमें तीसरी बार लगातार, तीसरी बार देश यहां पहुंचाती है.”
“पहले के मॉडल में खासकर कांग्रेस के कालखंड में तुष्टीकरण हर चीज में होता था. यही उनके लिए एक प्रकार से राजनीति की औषधि बन गई थी. स्वार्थनीति, राजनीति, देशनीति सबका एक घोटाला करके रखा था. तरीका यह होता था कि छोटे तबके को कुछ दे देना और बाकियों को तरसा कर रखना. जब चुनाव आए, तब यह कहना कि देखो उनको मिला है, आपको भी मिल जाएगा. इस प्रकार से झुनझुना बांटा जाता था. चुनाव के समय वोट की खेती होते रहे, यही काम चलता रहता था.”
“किसी को दिया, किसी को नहीं दिया, किसी को लटकाकर रखा. उसको हमेशा प्रताड़ित करके रखना. उसको निराशा के गर्त में धकेल देना, कांग्रेस की इस नीति से बाहर आकर हमने काम किया है. हमने सबका साथ, सबका विकास की भावना को जमीन पर उतारा है.”
“आज जातिवाद का जहर फैलाने के लिए भरपूर प्रयास हो रहा है, लेकिन तीन-तीन दशक तक दोनों सदन के ओबीसी एमपी और सभी दलों के ओबीसी एमपी, सरकारों से मांग करते रहे कि ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया जाए, लेकिन ठुकरा दिया गया. इनकार किया गया, क्योंकि शायद उस समय उनकी राजनीति को यह सूट नहीं करता होगा. क्योंकि तुष्टीकरण और फैमिली फर्स्ट की राजनीति में वह बैठेगा, तब तक वो चर्चा तक में भी नहीं आता है.”
“मेरे लिए यह सौभाग्य की बात है कि हम सबने मिलकर तीन तीन दशक से मेरे ओबीसी समाज ने जिस बात के लिए आशाएं रखीं, जिसे निराश करके रखा गया था, हमने आकर इस आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया है. हमने सिर्फ उनकी मांग पूरी की, इतना ही नहीं है, हमारे लिए उनका मान सम्मान भी इतना महत्वपूर्ण है. हम जनता जनार्दन को पूजने वाले देश हैं.”
“हमारे देश में जब-जब आरक्षण का विषय आया तो, उसको स्वस्थ तरीके से करने का काम कभी नहीं हुआ. एक दूसरे के खिलाफ दुश्मनी और तनाव पैदा करने के प्रयास हुए. पहली बार हमारी सरकार ने एक ऐसा मॉडल दिया और सबका साथ सबका विकास के मंत्र की प्रेरणा से दिया कि सामान्य वर्ग के गरीब को 10 पर्सेंट आरक्षण दिया, बिना किसी का छीनकर और बिना तनाव के. एससी,एसटी और ओबीसी समुदाय ने इसका स्वागत किया.”
“बाबा साहेब आंबेडकर से कांग्रेस को कितनी नफरत रही थी, उनके प्रति कितना गुस्सा था, और किसी भी हालत में बाबा साहेब की हर बात के प्रति कांग्रेस चिढ़ जाती थी. इसके दस्तावेज मौजूद हैं. बाबा साहेब को चुनाव में हराने के लिए क्या कुछ नहीं किया गया. कभी भी बाबा साहेब को भारत रत्न के योग्य नहीं समझा गया. इतना ही नहीं, इस देश के लोगों ने बाबा साहेब की भावना का आदर किया. सर्वसमाज का आदर किया, तब आज मजबूरन कांग्रेस को जय भीम बोलना पड़ रहा है. उनका मुंह सूख जाता है. यह कांग्रेस भी रंग बदलने में बड़ी माहिर लग रही है. इतनी तेजी से अपना नकाब बदल देते हैं, यह साफ साफ नजर आ रहा है.”