बंगाल की राजधानी कोलकाता में 19 फरवरी को एक ही परिवार के तीन लोगों की रहस्यमयी मौत के मामले में पुलिस जांच जारी है.  पुलिस की जांच में इस मामले ने एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. मृतकों में दो महिलाएं, रोमी दे और सुदेशना दे, और एक 14 साल की नाबालिग शामिल हैं. पुलिस को शक है कि इनकी हत्या परिवार के ही दो भाइयों, प्रसुन दे और प्रणय दे ने की. गौरतलब है कि दोनों भाई इस समय अस्पताल में भर्ती हैं. अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद पुलिस इन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ कर सकती है. पुलिस को शक है कि कर्ज के बोझ और ऐशोआराम के चक्कर में दोनों भाई ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया है. 

बताते चलें कि 19 फरवरी की सुबह कोलकाता के तांगरा इलाके में ट्रैफिक पुलिस को एक सड़क हादसे की सूचना मिली थी. सूचना के अधार पर पुलिस जब प्रसुन और प्रणय के घर पहुंची, तो वहां का दृश्य देखकर सभी स्तब्ध रह गए. घर में रोमी दे, सुदेशना दे और एक नाबालिग लड़की के शव पड़े थे. शुरुआती जांच में इसे आत्महत्या माना गया, लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने इस थ्योरी को खारिज कर दिया. रिपोर्ट के अनुसार तीनों की ही हत्या की गयी थी. 

पुलिस सूत्रों ने बताया कि प्रसुन और प्रणय, जो सगे भाई हैं, ने पहले अपनी पत्नियों और प्रसुन की बेटी की हत्या की और फिर आत्महत्या करने की योजना बनाई.  इसके लिए दोनों एक गाड़ी में सवार होकर निकले, लेकिन उनकी गाड़ी का भीषण एक्सीडेंट हो गया. इस हादसे में दोनों भाई गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा.  इसी वजह से उनकी आत्महत्या की योजना नाकाम रही. 

कर्ज और ऐशोआराम के कारण हुई हत्या
पुलिस जांच में पता चला कि परिवार चमड़े के सामान का कारोबार करता था और भारी कर्ज में डूबा हुआ था. पुलिस के सूत्रों के अनुसार, कर्ज की रकम इतनी ज्यादा थी कि परिवार के लिए इसे चुकाना नामुमकिन हो गया था. फिर भी, प्रसुन और प्रणय ने अपनी शानदार जीवनशैली में कोई कटौती नहीं की. महंगे कपड़े, लग्जरी गाड़ियां और खर्चीला लाइफस्टाइल उनकी आदत हो गयी थी. परिवार के करीबी लोगों से पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ कि कर्ज बढ़ने के बावजूद दोनों भाइयों ने अपने खर्चों पर लगाम नहीं लगाई, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति और बिगड़ती चली गई. पुलिस का दावा है कि कर्ज का यह बोझ ही इस भयानक घटना का प्रमुख कारण है.

सीसीटीवी कैमरे बंद थे
जांच में एक और अहम सुराग सामने आया. जिस दिन यह घटना हुई, उस दिन घर में लगे सभी सीसीटीवी कैमरे बंद थे. पुलिस का कहना है कि यह संयोग नहीं हो सकता. ऐसा लगता है कि हत्या की योजना पहले से बनाई गई थी और सबूत मिटाने के लिए कैमरे जानबूझकर बंद किए गए थे. यह तथ्य भाइयों पर शक को और गहरा करता है. 

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