शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम मजीठिया की ड्रग्स मामले में मुश्कलें सकती हैं. सुप्रीम कोर्ट ने शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम मजीठिया को ड्रग्स मामले में पूछताछ के लिए 17 मार्च को सुबह 11 बजे SIT के सामने पेश होने का निर्देश दिया है. अदालत ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो उनको 18 मार्च को भी उसी समय SIT के सामने पेश होना पड़ेगा. अदालत ने ये निर्देश मजीठिया के खिलाफ राज्य की जमानत रद्द करने की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया.  

मजीठिया पर क्या बोली पंजाब सरकार?

बिक्रम मजीठिया के खिलाफ ये अंतरिम आदेश जस्टिस जेके माहेश्वरी और अरविंद कुमार की बेंच ने पारित किया. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने दलील दी कि बिक्रम मजीठिया सवालों का जवाब देने से इनकार कर रहे हैं. वहीं  शिरोमणि अकाली दल के नेता ने जवाब दिया कि उन्हें राजनीतिक कारणों से परेशान किया जा रहा है. उन्होंने कोर्ट के सामने पूछताछ के लिए तारीखें तय करने की मांग रखी.

बिक्रम मजीठिया पर 2021 में लगे थे आरोप

पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया पर दिसंबर 2021 में ड्रग्स मामले में आरोप लगाए गए थे. जनवरी 2022 में उन्हें जेल भेज दिया गया था. अगस्त 2022 में उनको जमानत दे दी गई थी. उनके खिलाफ एंटी-ड्रग स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की 2018 की रिपोर्ट के आधार पर उके खिलाफ कार्रवाई की गई थी.

ड्रग्स मामले में कैसे आया बिक्रम मजीठिया का नाम?

बता दें कि पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी सरकार ने ड्रग्स रैकेट मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए शिरोमणि अकाली दल नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ FIR दर्ज की थी.  उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया था. पंजाब पुलिस के बर्खास्त डीएसपी जगदीश भोला को पकड़े जाने के बाद इस मामले के तार बिक्रम मजीठिया से जुड़े. बर्खास्त डीएसपी ने मजीठिया पर ड्रग्स रैकेट में शामिल होने का आरोप लगाया था. भोला से पूछताछ के बाद अमृतसर की फार्मा कंपनी के बिट्टू औलख और जगदीश चहल को भी गिरफ्तार किया गया था. जगदीश चहल ने पूछताछ में  मजीठिया पर हवाला के जरिए 70 लाख रुपयों के लेनदेन का आरोप लगाया था. 
 

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