डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी कांग्रेस में अपना संबोधन शुरु कर दिया है. रिपब्लिकन सेनेटर्स के “USA-USA” का नारों के बीच उन्होंने सबसे पहली बात कही- अमेरिका इज बैक.

व्हाइट हाउस में लौटने के बाद उनका यह पहला ऐसा संबोधन है. उम्मीद है कि यहां वो अपने दूसरे कार्यकाल के दृष्टिकोण को सामने रखेंगे, जिसने पहले ही अमेरिका की घरेलू और विदेश नीति, दोनों को नाटकीय रूप से बदला है. व्हाइट हाउस ने पहले ही बता दिया है कि कांग्रेस में डोनाल्ड ट्रंप के संबोधन का विषय “अमेरिकी सपने का नवीनीकरण (रिन्यूअल)” होगा.

ट्रंप के संबोधन की बड़ी बातें?

  • “हमने 43 दिनों में वो किया जो पिछली सरकारों ने 4 सालों या 8 सालों में नहीं किया”
  • “हमारी आत्मा वापस आ गई है, हमारा गौरव वापस आ गया है, हमारा आत्मविश्वास वापस आ गया है, और अमेरिकी सपना पहले से कहीं अधिक बड़ा और बेहतर हो रहा है.”
  • हमने दक्षिणी बॉर्डर पर राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की और देश पर आक्रमण को विफल करने के लिए अमेरिकी सेना और सीमा गश्ती दल को तैनात किया. बाइडेन अमेरिकी इतिहास में सबसे खराब राष्ट्रपति” थे और तब एक महीने में सैकड़ों हजारों अवैध क्रॉसिंग होती थीं.”

राष्ट्रपति बनने के बाद से सुपर एक्टिव ट्रंप

अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही डोनाल्ड ट्रंप सुपर एक्टिव हैं और उनके विरोधी से लेकर दोस्त तक को नहीं पता कि वो क्या करने जा रहे हैं. ट्रंप अपने चुनावी वादों को ही अमलीजामा पहनाने में लगे हुए हैं. अपने वादे के अनुसार ट्रंप किसी भी कीमत पर रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करना चाहते हैं और शांति समझौते के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ डील करना चाहते हैं, भले उसके लिए यूक्रेन और अपने यूरोपीय सहयोगी देशों को ही बाइपास क्यों न करना पड़े. उन्होंने यूक्रेन और साथी यूरोपीय देशों को मंच पर लिए बिना पुतिन की ओर बातचीत का हाथ बढ़ा दिया है.

यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की इस बात से खार खाए बैठे हैं और किसी भी डील के पहले यूक्रेन के लिए सुरक्षा गारंटी चाहते हैं. इस बात पर ही जेलेंस्की और ट्रंप के बीच पूरी दुनिया के सामने व्हाइट हाउस में बहस हुई. ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति पर अमेरिका का शुक्रगुजार न होने का आरोप लगाया. ट्रंप सरकार ने यूक्रेन को भेजी जा रही सभी अमेरिकी सैन्य सहायता की डिलीवरी को रोक दिया है.

वहीं दूसरी तरफ ट्रंप अपने चुनावी स्लोगन अमेरिका फर्स्ट पर भी अमल कर रहे हैं और संरक्षणवादी आर्थिक नीतियों पर काम कर रहे हैं. इसी के तहत उन्होंने चीन, कनाडा और मेक्सिको पर टैरिफ की घोषणा भी कर दी है. उनके इस कदम ने वर्ल्ड इकनॉमी में उथल-पुथल मचा रखी है. अब तक चीन और कनाडा ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिका से होने वाले आयातों पर भी काउंटर टैरिफ का ऐलान किया है.

अगर ट्रंप की घरेलू नीति को देखें तो उन्होंने अपने बिलिनेयर पार्टनर एलन मस्क को खूब पावर दे रखी है. एलन मस्क को सरकारी फिजूलखर्ची रोकने के लिए बनाए गए डिपार्टमेंट, DOGE का हेड बना दिया गया है. ट्रंप प्रशासन ने मस्क की अगुवाई में वहां के संघीय कर्मचारियों (केंद्रीय कर्मचारियों) की बड़े पैमाने पर छंटनी शुरू कर दी है. 

इसके अलावा ट्रंप ने दूसरे देश से आए कथित अवैध अप्रवासियों को भी अमेरिका से निकालने की कवायद तेज की है. इसमें जोर भारत से गए अवैध अप्रासियों पर भी है.

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