क्रिकेटर मोहम्मद शमी की एक फोटो इन दिनों जमकर वायरल हो रही है. इस तस्वीर में शमी मैदान में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल मैच के दौरान एनर्जी ड्रिंक पीते नजर आ रहे हैं. शमी की इस तस्वीर पर इस लिए विवाद हो रहा है क्योंकि ये तस्वीर रमजान महीने की है. इस दौरान मुस्लिम समुदाय से आने वाले लोग रोजा रखते हैं. कई मौलाना शमी द्वारा रोजा न रखने का विरोध कर रहे हैं.अब इस  इस तस्वीर को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है. बीजेपी इस मामले में शमी के बचाव में उतर गई है.

भाई दुबई में खेल रहे हैं. दुबई का सफर बहुत लंबा है. इन मौलाना को भी पता होगा कि जब कोई 70 किलोमीटर के सफर से ज्यादा के सफर पर होता है तो वह रोजा छोड़ सकता है. उसके भी कुछ नियम होते हैं. जैसे कि वह इंसान रोजा बाद में रख सकता है. ये इतना बड़ा कोई मुद्दा नहीं है. ये लोग हर बात पर ऐसा निकाल देते हैं कि ये इस्लाम के खिलाफ है. पर सच में ऐसा कुछ है नहीं. इस्लाम में तो कई और चीजें भी हैं, लोग उसे भी नहीं मान रहे हैं. मौलाना साहब को उन चीजों पर भी गंभीरता से अपनी रखनी चाहिए और लोगों को जागरूक करना चाहिए.

मोहम्मद जैद, शमी के भाई

क्यों सूख गया मौलाना साहब का गला

शमी के जूस पीने को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने एक बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि इस्लाम ने रोजे को एक फर्ज करार दिया है. अगर कोई शख्स जानबूझकर रोजा नहीं रखता तो वह गुनेहगार है. शमी ने रोजा नहीं रखा, जबकि रोजा रखना उनका वाजिब फर्ज है. ऐसा ना करके उन्होंने बहुत बड़ा गुनाह किया है, शरीयत की नजर में वो मुजरिम हैं. 

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मोहम्मद शमी के रोजे ना रखने पर बीजेपी  प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि आस्था किसी भी व्यक्ति का निजी मसला होता है. वो कौन सा व्रत रखेगा, वह कैसे पूजा करेगा वो कैसे इबादत करेगा, ये वो खुद तय करेगा. वह रोजा रखेगा या नहीं रखेगा ये व्यक्ति की निजी इच्छा पर निर्भर करता है. कोई भी व्यक्ति मजहब का ठेकेदार होकर ये तय नहीं कर सकता है कि किसी को समाज से बेदखल कर दिया है. ये दादागिरी अब नहीं चलेगी, ये सब अब बंद होगा. ये अब नहीं चलेगा. क्रिकेटर देश के लिए खेल रहा है ये बात मौलाना से बर्दाश्त नहीं हो रहा है. 

सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस

मोहम्मद शमी की इस तस्वीर को लेकर सोशल मीडिया पर जमकर बहस चल रही है. सोशल मीडिया पर लोग शमी के समर्थन में खड़े दिख रहे हैं. जबकि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो रोजा रखने की बात करते हुए पहले धर्म को मानने की सलाह दे रहे हैं. शमी के प्रशंसकों का कहना है कि देश के लिए खेलना सबसे बड़ी बात है. ऐसे में किसी खिलाड़ी को अपने आपको मैच खेलने के दौरान खुदको कैसे तरोताजा और फिट रखना है ये उसका फैसला है. इसे लेकर कोई विवाद नहीं होना चाहिए. 

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