ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत श्रमिकों की संख्या बढ़कर 30.68 करोड़ से अधिक हो गई है. इसमें से 53.68 प्रतिशत (3 मार्च तक) महिलाएं हैं. केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री, शोभा करंदलाजे ने सोमवार को लोकसभा को यह जानकारी दी. असंगठित श्रमिकों को विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तक पहुंच प्रदान करने के लिए वन-स्टॉप-सॉल्यूशन के रूप में ई-श्रम को विकसित करने की बजट घोषणा के विजन को ध्यान में रखते हुए, श्रम और रोजगार मंत्रालय ने 21 अक्टूबर, 2024 को ई-श्रम-“वन-स्टॉप-सॉल्यूशन” लॉन्च किया.

“ई-श्रम-“वन-स्टॉप-सॉल्यूशन” में एक ही पोर्टल पर विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को एकीकृत करना शामिल है. यह ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत असंगठित श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तक पहुंचने और ई-श्रम पोर्टल के माध्यम से अब तक उनके द्वारा प्राप्त लाभों को देखने में सक्षम बनाता है.

अब तक, विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों की 13 योजनाओं को पहले ही ई-श्रम के साथ एकीकृत किया जा चुका है, जिनमें प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम-स्वनिधि), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना (एनएफबीएस), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा), प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण (पीएमएवाई-जी), आयुष्मान भारत योजना शामिल हैं.

रोजगार और कौशल विकास के अवसर प्रदान करने के लिए ई-श्रम पोर्टल को राष्ट्रीय करियर सेवा (एनसीएस) और स्किल इंडिया डिजिटल पोर्टल के साथ भी एकीकृत किया गया है. वहीं, पेंशन योजना के तहत नामांकन की सुविधा के लिए, ई-श्रम को प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (पीएमएसवाईएम) के साथ एकीकृत किया गया है. मंत्रालय ने आधार से जुड़े असंगठित श्रमिकों का एक बड़ा राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने के लिए 26 अगस्त, 2021 को ई-श्रम पोर्टल लॉन्च किया था। ई-श्रम पोर्टल का उद्देश्य असंगठित श्रमिकों को सेल्फ-डिक्लेरेशन के आधार पर एक यूएएन प्रदान करके उनका पंजीकरण करके सहायता करना है.

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