Supreme Court अब NCR में होम बायर्स की परेशानियों को लेकर सख्त हो गया है. कल नोएडा ऑथोरिटी को फटकार लगाने के बाद आज सुप्रीम कोर्ट ने होम बायर्स के मामलों की जांच CBI को देने की तैयारी में है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लाखों लोग घरों के लिए कराह रहे हैं. समाज का एक बड़ा तबका इससे पीड़ित है. हम इस मसले की जड़ तक जाएंगे. इस मुद्दे पर हमारा जीरो टॉलरेंस है. जो दोषी है, वो धरती के नीचे भी जा छिपे तो ढूंढ निकालेंगे. ऐसे मामलों की जांच CBI को देंगे. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को कहा कि इन मामलों की जांच के लिए कोई प्रपोजल दाखिल करें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये मामला आर्थिक अपराध है और सीबीआई इसके लिए विशेषज्ञ एजेंसी है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राजीव जैन को एमिक्स क्यूरी बनाया है और उनसे भी नोट मांगा है कि मामले में आगे कैसे बढ़ा जा सकता है? अब दो हफ्ते बाद इस मामले की सुनवाई होगी.

ये आर्थिक अपराध

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने इन याचिकाओं की सुनवाई की. इन याचिकाओं में दावा किया था कि बिल्डरों और डेवलपर्स की देरी के कारण उन्हें फ्लैटों का कब्जा प्राप्त किए बिना बैंकों द्वारा EMI का भुगतान करने के लिए मजबूर किया जा रहा है.सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्य कांत ने बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट हर दिन गरीब लोगों की दुर्दशा को संभाल रहा है. लाखों लोग घर के लिए कराह रहे हैं. ये आर्थिक अपराध भी है. इसलिए हम सीबीआई को इसके लिए रिपोर्ट देने को कहेंगे. हम मामले की जांच सीबीआई को देंगे.

इसके पीछे कोई माफिया नहीं?

बैंकों को भी आडे़ हाथों लेते हुए जस्टिस सूर्य कांत ने कहा कि हमें उम्मीद है कि इसके पीछे कोई माफिया नहीं है. हम किसी भी बैंक को संदेह से मुक्त प्रमाणित नहीं कर सकते. हमने उनकी कार्यप्रणाली देखी है. वे किस तरह का काम करते हैं. आप सार्वजनिक संस्थाओं का आचरण देख सकते हैं. आपकी गलती यह है कि यह जानते हुए कि साइट पर एक ईंट भी नहीं रखी गई है. आपने 60% पेमेंट जारी कर दिया! यह बिना किसी बदले के कैसे हो सकता है!? इस दौरान ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि अगर अदालत महसूस करती है तो सीबीआई जांच कर सकती है, लेकिन मामला बहुत बड़ा है.

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