वक्‍फ बोर्ड संशोधन विधेयक ने राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साइन के बाद अब कानून की शक्‍ल अख्तियार कर ली है. मोदी सरकार का यह बहुत बड़ा कदम है, जिसे ज्‍यादातर लोगों ने सराहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वक्फ बिल को ऐतिहासिक कदम बताया है. उन्होंने कहा कि वक्फ के नाम पर वर्षों से चल रही कीमती जमीनों की लूट-खसोट पर अब रोक लगेगी. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस बिल को लाने के लिए धन्‍यवाद दिया. उन्‍होंने यह बताया कि वक्‍फ के नाम पर उत्‍तर प्रदेश में कब्‍जाई गई जमीनों का वह कैसे इस्‍तेमाल करने वाले हैं.  

यूपी में वक्फ के नाम पर कब्जाई जमीनों पर क्‍या बनेगा?

सीएम योगी ने बताया कि वक्फ के नाम पर गलत तरीके से कब्जाई गई उत्तर प्रदेश की लाखों एकड़ सरकारी जमीनों और संपत्तियों का इस्‍तेमाल कैसे किया जाएगा, इसकी योजना बना ली गई है. उन्‍होंने बताया कि ऐसी जमीन का इस्‍तेमाल स्कूल, कालेज, मेडिकल कालेज जैसे कल्याणकारी कार्यों में होगा. सीएम योगी ने वादा किया कि महराजगंज में जल्द ही केंद्रीय विद्यालय, स्पोट्र्स स्टेडियम का भी शुभारंभ होगा.

बिल को राष्‍ट्रपति की मंजूरी 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वक्फ (संशोधन) विधेयक-2025 को शनिवार को अपनी मंजूरी दे दी जिसे इसी सप्ताह संसद ने पारित किया था. मुर्मू ने मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक-2025 को भी अपनी मंजूरी दे दी. इसके कारण स्वतंत्रता पूर्व का मुसलमान वक्फ अधिनियम अब निरस्त हो गया है. राज्यसभा ने वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता बढ़ाने सहित कई महत्वपूर्ण प्रावधानों वाले वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 को लंबी चर्चा के बाद 95 के मुकाबले 128 मतों से मंजूरी दे दी थी. संसद के दोनों सदनों से बजट सत्र में पारित वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिल गई। इस संबंध में गजट अधिसूचना जारी होने के साथ ही वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम भी बदलकर यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट, इम्पावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट (उम्मीद) अधिनियम, 1995 हो गया है.

गरीब महिलाओं-बच्‍चों की स्थिति में आएगा सुधार 

इस विधेयक के बारे में सरकार ने दावा किया कि इसके कारण देश के गरीब एवं पसमांदा मुसलमानों एवं इस समुदाय की महिलाओं की स्थिति में सुधाार लाने में काफी मदद मिलेगी. बता दें कि इस बिल में वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों और महिलाओं को शामिल करना, वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण, कलेक्टर को सर्वेक्षण का अधिकार, और ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की अनुमति दी गई है. इसका उद्देश्य पारदर्शिता और कुशल प्रबंधन बताया गया है.

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