IAS S Siddharth: बिहार राजनीति को लेकर हमेशा चर्चा में रहता है. यहां के स्टूडेंट्स जब देश-दुनिया में नाम रौशन करते हैं तो कहा जाता है कि बिहार के लोग बहुत तेज होते हैं. मगर उसी बिहार के सरकारी स्कूलों के बारे में सोच है कि वहां पढ़ाई का स्तर सही नहीं है. बिहार के सरकारी स्कूलों का टाइम टेबल बदला तो शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) डॉ. एस सिद्धार्थ ने सोमवार को स्कूलों का ऑनलाइन निरीक्षण किया. रैंडम तौर पर उन्होंने कई जिलों के स्कूलों में फोन किया और जाना कि स्कूलों में पढ़ाई कैसी चल रही है और वहां संसाधन कैसे हैं.

आईएएस एस सिद्धार्थ की क्यों हो रही चर्चा

यहां इस बात की चर्चा करने के पीछे कारण है कि एसीएस का कई स्कूलों में किया गया ऑनलाइन निरीक्षण का वीडियो वायरल हो गया है. इसमें दिख रहा है कि कई स्कूलों में शिक्षक न सिर्फ मौजूद हैं, बल्कि काफी एक्टिव भी हैं. वहीं  पूर्वी चंपारण के एक स्कूल के शिक्षक स्कूल की जगह दुकान पर बैठे मिले. उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि अपर सचिव खुद वीडियो कॉल कर देंगे. फोन आने के बाद शिक्षक महोदय की हालत पतली हो गई 

एस सिद्धार्थ का प्रयास कितना सही

इस तरह के प्रयासों से ही व्यवस्था ठीक होती है. कर्मचारियों के मन में भय रहता है कि उन्हें कभी भी चेक किया जा सकता है. इससे वो अपना काम ईमानदारी से करते हैं. खासकर उन कर्मचारियों के लिए ये व्यवस्था जरूरी होती है, जो वेतन तो जरूर सरकार से लेते हैं, लेकिन काम करना पसंद नहीं करते. वैसे डॉ. एस सिद्धार्थ ने ऐसा पहली बार नहीं किया है. वो अचानक जांच के लिए खुद भी स्कूलों में पहुंच जाते हैं. उनके सड़क किनारे दुकानों पर चाय पीते, स्कूलों का निरीक्षण करते कई वीडियो वायरल हैं.

…और पैदल स्कूल पहुंच गए एस सिद्धार्थ

यहां तक की एक बार डॉ. एस सिद्धार्थ पटना से ट्रेन पकड़कर आरा और बिहिया के कई स्कूलों में पहुंच गए. कई गांवों में तो वो पैदल ही पहुंच गए. इससे शिक्षकों के काम में काफी सुधार देखा जा रहा है. यहां तक की नालंदा के एक स्कूल में निरीक्षण के दौरान तो वो बच्चों को पढ़ाने तक लगे. हालांकि, इसके कारण कई शिक्षकों में उनके खिलाफ असंतोष भी देखने को मिलता है. वहीं ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर भी कई शिक्षक या अधिकारी अपर मुख्य सचिव से नाराज रहते हैं.

आईआईटी दिल्ली से पढ़े हैं एस सिद्धार्थ  

डॉ. एस सिद्धार्थ 1991 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी हैं. उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली से सूचना प्रौद्योगिकी में डॉक्टरेट की डिग्री (पीएचडी) प्राप्त की है. उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (1987) से कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग में स्नातक (बीटेक) किया था, और भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद (1989) से एमबीए भी किया था. वह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में अपनी दूसरी पीएचडी भी कर रहे हैं. वे वर्तमान में बिहार के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव हैं. वे शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव और कैबिनेट सचिवालय के अपर मुख्य सचिव के पद पर भी कार्यरत हैं . वे एएन सिन्हा सामाजिक अध्ययन संस्थान के निदेशक और एलएन मिश्रा आर्थिक विकास एवं सामाजिक परिवर्तन संस्थान के निदेशक भी हैं. डॉ. सिद्धार्थ एक प्रशिक्षु पायलट , पेशेवर वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर , एक पेंटर और एक कार्टूनिस्ट भी हैं.

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