प्रवर्तन निदेशालय ने सपा नेता हरि शंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी और उनकी कंपनी के एमडी अजीत पांडेय को गिरफ्तार किया है. ईडी ने गोरखपुर, लखनऊ, नोएडा और मुंबई में कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. सूत्रों के अनुसार, ईडी ने उनके खिलाफ चार्जशीट तैयार की है और जल्द ही इसे कोर्ट में पेश किया जाएगा.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में पता चला कि मेसर्स गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने अपने प्रमोटरों, निदेशकों और गारंटरों के साथ मिलकर बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले सात बैंकों के कंसोर्टियम से 1129.44 करोड़ रुपये की क्रेडिट सुविधा ली थी. इस राशि को बाद में अन्य कंपनियों में डायवर्ट कर दिया गया और बैंकों को वापस नहीं किया गया, जिससे उन्हें लगभग 754.24 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.

पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी की 72.08 करोड़ रुपये की संपत्तियां नवंबर 2023 में ईडी द्वारा जब्त की गई थी. ईडी ने गोरखपुर, महराजगंज और लखनऊ में तिवारी की 27 संपत्तियों को जब्त किया था, जिनमें कृषि भूमि, व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स, आवासीय परिसर और भूखंड शामिल थे. यह कार्रवाई तिवारी की कंपनी द्वारा बैंकों के कंसोर्टियम को लगभग 1129.44 करोड़ रुपये का चूना लगाने के मामले में की गई थी.

बैंकों की शिकायत पर सीबीआई मुख्यालय ने केस दर्ज किया था, जिसके बाद ईडी ने भी विनय तिवारी समेत कंपनी के समस्त निदेशक, प्रमोटर और गारंटर के खिलाफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी. 2023 में ही राजधानी स्थित ईडी के जोनल कार्यालय ने विनय तिवारी की गोरखपुर, महराजगंज और लखनऊ स्थित कुल 27 संपत्तियों को जब्त किया था, जिनमें कृषि योग्य भूमि, व्यवसायिक कांप्लेक्स, आवासीय परिसर, आवासीय भूखंड आदि शामिल हैं.

 

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