अमेरिका और ईरान के बीच शनिवार को होने वाली बातचीत का नतीजा क्या रहेगा. शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद ही ईरान में इसका इशारा मिल गया. ईरान के मशहाद शहर में इमाम रज़ा के श्राइन के बाहर हजारों की तादात में लोग इकट्ठा हुए और जुमे की नमाज के बाद ईरान और अमेरिका की बातचीत का जमकर विरोध किया.

ईरान की आवाम का कहना है कि सालों से अमेरिका ने ईरान पर सिर्फ जुल्म ही किया है. ईरान के लोग साफ शब्दों में कह रहे हैं कि हम उन फिलिस्तिनियों के साथ हैं, जिन पर इजरायल ने अत्याचार किए. हम अमेरिका और इजरायल के खिलाफ हैं.

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ईरान के सुप्रीम लीडर्स का मानना है कि अमेरिका ऐसा देश है जिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता. अमेरिका और ईरान की दोस्ती कब तक नहीं हो सकती है? इसकी जानकारी भी ईरान के लोगों ने दी.

बता दें कि शनिवार को ओमान में ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर अमेरिका और ईरान के बीच सीधी बातचीत होगी. इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरान को बड़ी चेतावनी दे चुके हैं. ट्रंप ने कहा है कि अगर ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची और अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ के बीच बातचीत बेनतीजा रही तो ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई भी पूरी तरह संभव है.

मतलब ये कि ट्रंप ने ईरान को खुली वॉर्निंग दे दी है. लेकिन ईरान की आवाम ने इस बातचीत को सिरे से खारिज कर दिया है.

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