विदेशी पूंजी की सतत निकासी और घरेलू शेयर बाजारों में नरम रुख के बीच रुपया शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में पांच पैसे की गिरावट के साथ अपने सर्वकालिक निचले स्तर 84.37 प्रति डॉलर पर आ गया.

विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती का हालिया निर्णय वैश्विक वित्तीय परिदृश्य में बदलाव का संकेत देता है. इसके अलावा अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने वाले डोनाल्ड ट्रंप की कर तथा व्यापार नीतियों के वैश्विक बाजारों को प्रभावित करने के साथ रुपये के प्रक्षेपवक्र में फिर से अस्थिरता आ सकती है.

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 84.32 प्रति डॉलर पर खुला और शुरुआती सौदों के बाद अपने सर्वकालिक निचले स्तर 84.37 प्रति डॉलर पर पहुंच गया, जो पिछले बंद भाव से पांच पैसे की गिरावट दर्शाता है. रुपया बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपने सर्वकालिक निम्न स्तर 84.32 पर बंद हुआ था.

इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.02 प्रतिशत की बढ़त के साथ 104.53 पर रहा.

अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.65 प्रतिशत की गिरावट के साथ 75.14 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा.

शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) बृहस्पतिवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 4,888.77 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.

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