दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण के कारण लोगों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कई जगहों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 500 के पार पहुंच गया है. कोहरे के कारण विजिबिलिटी पर असर पड़ा है और कई विमानों और ट्रेनों की आवाजाही भी प्रभावित हुई है. दिल्ली एयरपोर्ट से जानेवाली और आनेवाली स्पाइसजेट और इंडिगो की कई विमानें प्रभावित हुई हैं. नई दिल्ली, आनंद विहार, निजामुद्दीन, गाजियाबाद और पुरानी दिल्ली स्टेशन आने वाली 40 से अधिक ट्रेन लेट हुई हैं. जानकारी के अनुसार पुरी से नई दिल्ली आने वाली पुरुषोत्तम एक्सप्रेस 3 घंटे की देरी से चल रही है.

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राजगीर से नई दिल्ली आने वाली श्रमजीवी एक्सप्रेस ढाई घंटे से देरी से चल रही है. नई दिल्ली स्टेशन पर आने वाली 28 से अधिक ट्रेनें लेट हैं.

विमानों और ट्रेनों में देरी के कारण यात्रियों को खासा परेशान हो रही है. एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ जमा हो गई है. 

  • अक्टूबर से दिल्ली में प्रदूषण बढ़ रहा है.

  • सुबह 5 बजे पालम में दृश्यता घटकर 150 मीटर रह गई.

  • दिल्ली के अधिकांश इलाकों में रविवार को एक्यूआई स्तर 500 से ऊपर रहा.

  • दिल्ली में आज सांस लेने की स्थिति प्रतिदिन 14.7 सिगरेट पीने के बराबर है.

  • इस वर्ष राजधानी में लगभग 38% प्रदूषण पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से हुआ है

वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान एवं अनुसंधान प्रणाली (SAFAR) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में सुबह 7 बजे AQI 481 दर्ज किया गया, जो कि बेहद ही खराब स्तर है.

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वहीं दिल्ली-एनसीआर में रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) पहली बार 500 के पार हो गया. रविवार की शाम तक अधिकतर इलाकों में एक्यूआई ‘खतरनाक’ (सीवियर) श्रेणी में पहुंच गया था.

एक्यूआई डॉट इन के मुताबिक, रविवार रात नौ बजे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का पिछले 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 548 रहा.

एक्यूआई डॉट इन के मुताबिक, राष्ट्रीय दिल्ली के अलावा देश के अन्य शहरों का एक्यूआई भी 500 के पार हो गया है. हरियाणा के भिवानी का 545, सिरसा का एक्यूआई 502, रोहतक का 446, गुड़गांव का एक्यूआई 444, हिसार का 409, नोएडा का 394, गाजियाबाद का 409, फरीदाबाद का 432, सोनीपत का 378 एक्यूआई है.

क्यों बढ़ रहा है दिल्ली का प्रदूषण

दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने का मुख्य कारण मौसम में ठंडक, हवा का धीमे बहना, पटाखे, पराली जलाना और वाहनों से होने वाला प्रदूषण हैं. पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में पराली जलाने का असर दिल्ली पर भी पड़ता है.

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बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने शुक्रवार को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान का चौथा चरण ग्रैप-4 लागू कर दिया है. उल्लेखनीय है कि जब प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और औसत एक्यूआई 450 को पार कर जाता है तो ग्रैप का चौथा चरण लागू किया जाता है.

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