
आयोग के अनुसार, चौंकाने वाली बात यह रही कि 1 अगस्त दोपहर 3 बजे से 2 अगस्त दोपहर 3 बजे तक किसी भी राजनीतिक दल ने अपने बीएलओ के माध्यम से मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने के संबंध में कोई दावा या आपत्ति दर्ज नहीं कराई. आयोग ने इसे ‘शून्य दावे और आपत्तियां’ के रूप में दर्ज किया है.