कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता सुखपाल सिंह खैरा ने 10वीं और 12वीं सीबीएसई परीक्षाओं में पंजाबी भाषा की अनदेखी को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की. खैरा ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की निंदा करते हुए इसे पंजाबी भाषा और संस्कृति पर हमला बताया. सुखपाल सिंह खैरा ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “मैं 10वीं और 12वीं सीबीएसई परीक्षाओं में पंजाबी भाषा को शामिल न करके उसके साथ किए गए घोर भेदभाव की कड़ी निंदा करता हूं! हम न केवल पंजाब में, बल्कि पूरे देश में व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा की अनदेखी करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति की भी निंदा करते हैं! यह भाजपा सरकार द्वारा पंजाबी भाषा और संस्कृति पर एक और हमला है.”

उल्लेखनीय है कि 10वीं और 12वीं सीबीएसई परीक्षाओं में पंजाबी भाषा की अनदेखी को लेकर सियासी घमासान जारी है. इन सब के बीच पंजाब सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी कर सख्त रुख अपनाया है.

नोटिफिकेशन के अनुसार, पंजाब में किसी भी बोर्ड (चाहे वह सीबीएसई हो या कोई अन्य) से संबद्ध स्कूलों में पंजाबी को मुख्य और अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाना जरूरी कर दिया गया है. नोटिफिकेशन में स्पष्ट लिखा गया है कि बिना पंजाबी को मुख्य विषय के रूप में पढ़े किसी भी छात्र को पंजाब में दसवीं कक्षा उत्तीर्ण नहीं माना जाएगा. यह नियम राज्य के सभी स्कूलों पर लागू होगा.

सरकार ने यह भी चेतावनी दी है कि जो स्कूल इस आदेश का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ ‘द पंजाब लर्निंग ऑफ पंजाबी एंड अदर लैंगुएजेज एक्ट, 2008’ के प्रावधानों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी.
 

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