नासा और स्पेसएक्स शाम 7:03 बजे (शनिवार को सुबह 4:30 बजे भारतीय समयानुसार) फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से क्रू-10 मिशन लॉन्च करने वाले हैं, जो अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को वापस लाएगा. यह मिशन 24 घंटे की देरी के बाद हो रहा है, जो फाल्कन 9 रॉकेट के ग्राउंड सपोर्ट क्लैंप आर्म में तकनीकी खराबी के कारण हुई थी.

फ्लोरिडा के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से फाल्कन 9 रॉकेट के साथ एक क्रू ड्रैगन कैप्सूल शाम 7:03 बजे (स्थानीय समयानुसार) प्रक्षेपित हुआ. इस मिशन में चार सदस्यों की टीम ने अपने लक्ष्य की ओर यात्रा शुरू की.

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर पिछले 9 महीनों से अंतरिक्ष में फंसे हुए हैं, जो बोइंग के स्टारलाइनर की समस्याओं के कारण हुआ है. यदि क्रू-10 मिशन सफल होता है, तो विलियम्स और विल्मोर के 20 मार्च के बाद आईएसएस से प्रस्थान करने की उम्मीद है. नासा ने कहा है कि क्रू-9 मिशन, जिसके पास पहले से ही अंतरिक्ष स्टेशन पर एक अलग ड्रैगन अंतरिक्ष यान है, फिर परिक्रमा करने वाली प्रयोगशाला से अनडॉक होगा और पृथ्वी पर वापस आएगा.

अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा के दो अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर सिर्फ 10 दिनों के मिशन के लिए अंतरिक्ष में गए थे. लेकिन पिछले 9 महीनों से दोनों इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर फंसे हैं. पिछले साल दोनों ने 5 जून को बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान की पहली चालक दल परीक्षण उड़ान (क्रू टेस्ट फ्लाइट)  पर बैठकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरी थी. दोनों को 10 दिनों बाद पृथ्वी पर वापस आना था. लेकिन स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान के थ्रस्टर में खराबी आ गई और स्पेस स्टेशन पर वह डॉक नहीं कर पाया. कोशिश कई बार की गई लेकिन इस खराबी को दूर नहीं किया जा सका.

वैसे बुच विलमोर और सुनीता विलियम्स दोनों ही अनुभवी अंतरिक्ष यात्री हैं और अमेरिकी नेवी के टेस्ट पायलट हैं लेकिन उन्हें इतने लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने की तैयारी के साथ नहीं भेजा गया था लेकिन अपने पुराने अनुभव के आधार पर दोनों कामयाबी के साथ इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर टिके हुए हैं और पूरे समय वहां प्रयोगों और मेंटीनेंस के काम में जुटे रहे हैं.

मेरिका के ओहायो में 1965 में पैदा हुईं सुनीता विलियम्स अमेरिकी नौसेना की एक रिटायर्ड अधिकारी हैं जिन्हें नासा ने 1998 में अंतरिक्ष यात्री के तौर पर चुना. वो फ्लोरिडा इंस्टिट्यूट ऑफ टैक्नॉलजी से इंजीनियरिंग मैनेजमेंट में एमएससी हैं. 30 प्रकार के अलग अलग एयरक्राफ्ट्स में उन्हें 3000 घंटे उड़ान का अनुभव है. ये सुनीता विलियम्स का इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन का तीसरा दौरा है.

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