भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता नारायण राणे ने शनिवार को दावा किया कि 2020 में महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने उन्हें दो बार फोन किया था और दिशा सालियान की मौत से जुड़े मामले में अपने बेटे आदित्य ठाकरे का नाम न घसीटने का ‘अनुरोध’ किया था. राणे ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए मांग की कि पुलिस इस घटना के सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज करे और पूर्व मंत्री (आदित्य ठाकरे) को गिरफ्तार करे.

राणे ने दावा किया, ‘‘जब उद्धव मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने मुझे कोविड महामारी के दौरान दो बार फोन किया था और मुझसे अनुरोध किया था कि मैं उनके बेटे का नाम दिशा सालियान मामले में न घसीटूं.”

राणे ने दावा किया कि उन्होंने उद्धव से कहा था कि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया था, बल्कि अपने संवाददाता सम्मेलन में केवल एक मंत्री का जिक्र किया था.

राणे ने कहा, ‘‘पुलिस अब तक जुटाए गए सबूतों के आधार पर प्राथमिकी दर्ज करे और उन्हें (आदित्य को) गिरफ्तार करे.” हालांकि, उद्धव ने राणे के दावे को खारिज करते हुए कहा कि उनके बेटे आदित्य का इस मामले से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है.

आदित्य ने भी कहा था कि उन्हें बदनाम करने के प्रयास के तहत यह आरोप लगाए जा रहे हैं और वह अदालत में इसका जवाब देंगे. दिशा सालियान की मौत का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है, क्योंकि उनके पिता सतीश सालियान ने कहा है कि वह बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे और अपनी बेटी की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत की नये सिरे से जांच का अनुरोध करेंगे.

दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व प्रबंधक सालियान जून 2020 में मृत पाई गई थीं. सतीश सालियान ने शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और मामले की जांच केंद्रीय अन्वेष्ण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने की मांग की है. राणे ने दावा किया कि सुशांत की भी हत्या की गई थी.

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