Video Of RSS chief Mohan Bhagwat: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में ‘वैदिक गणित’ पुस्तक विमोचन समारोह को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने गणित (Math) के विषय पर इतनी बारीकी से लोगों को समझाया कि गणित से दूर भागने वाले भी उसे जानने और पढ़ने के लिए प्रेरित हो जाएं. अपने परिचय में हुई गलती के बारे में बेहद ही सौम्य तरीके से बताते हुए सरसंघचालक मोहन भागवत ने अपनी बात शुरू की.  

मोहन भागवत ने कहा, “परिचय में थोड़ी गलती रह गई. 2009 तक मैं सरकार्यवाह था, 2009 के बाद सरसंघचालक बना. हिंदी में जब 9 लिखते हैं, तो मराठी का 6 हो गया. देखने में गलती हो गई होगी. आंकड़ों में एक रेखा छूट जाए तो छह का नौ और नौ का छह हो जाता है.”

गणित का महत्व क्या है?

जवाब देते हुए सरसंघचालक ने कहा, “मैंने गणित से डरकर मैट्रिक में ही गणित छोड़ दी थी. परंतु आगे जाकर ध्यान में आया कि गणित अपना पीछा नहीं छोड़ता. गणना का संबंध सृष्टि की उत्पत्ति से है. तब से वह चलता है. अव्यक्त को व्यक्त होना है तो गणित से ही शुरू होता है. पूरा का पूरा सांख्य दर्शन संख्या के कारण ही सांख्य दर्शन है.

आरएसएस प्रमुख ने आगे कहा, “हम जानते हैं कि एटम के चारों ओर घूमने वाले इलेक्ट्रोन कितने हैं, इस पर उस एटम से बनने वाला धातु या अधातु तय होता है. उसके अनुसार पदार्थ, गुण, वस्तु बदलते हैं. पूरी दुनिया में हम वक्र रचना देखते हैं. मनुष्य की बुद्धि को जो सुंदर लगता है, उसका कर्वेचर इंडेक्स, जिसे गोल्डन नंबर भी कहते हैं. इसके रेशियो पर ही निर्भर करता है कि कोई कितना सुंदर है.”

सरसंघचालक की शिक्षा

मोहन भागवत ने स्कूल के बाद जनता कॉलेज चंद्रपुर से बीएससी की पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने पंजाब राव कृषि विद्यापीठ अकोला से पशु चिकित्सा और पशुपालन में स्नातक की डिग्री हासिल की. अब तक मोहन भागवत भी संघ से जुड़ चुके थे. स्नातक के बाद मोहन भागवत ने मास्टर्स की पढ़ाई शुरू कर दी. इसी दौरान वे चंद्रपुर में पशु चिकित्सक के रूप में काम किया करते थे. मगर इमरजेंसी लगने के बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी और संघ के पूर्ण सदस्य बन गए.

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