जयपुर की एक फोटोग्राफर और फिल्म निर्माता पद्मजा ने दुर्लभ फंगल के लिए पांच ब्रेन सर्जरी करवाने के बाद पढ़ना, लिखना और चलने जैसी स्किल खो दी थी. अपने परिवार के सहयोग से उन्होंने 7 सालों में इन क्षमताओं को फिर से सीखा. अब वह मुंबई में रहकर फ़ोटोग्राफ़ी, फिल्म प्रोडक्शन में अपने जुनून को आगे बढ़ा रही हैं. एक व्यक्ति के लिए पढ़ना, लिखना या चलना जैसी बुनियादी क्षमताएं भूल जाना असामान्य बात है, लेकिन 31 वर्षीय पद्मजा के लिए ब्रेन की दो सर्जरी के बाद ऐसा ही कुछ अनुभव रहा. उनके ब्रेन में मवाद से भरी सूजन थी, जो आमतौर पर तब होती है जब बैक्टीरिया या फंगस ब्रेन टिश्यू में प्रवेश करते हैं.

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6 महीने में 5 ब्रेन सर्जरी करवाई

चार भाषाओं में निपुण और अभिनय और फोटोग्राफी में रुचि रखने वाली पद्मजा 6 महीनों में 5 ब्रेन सर्जरी करवाई, जिससे वह चलने, खाने, बोलने, पढ़ने और लिखने सहित बुनियादी काम करने की क्षमता खो बैठी. हालांकि, पद्मजा ने अपने परिवार और दोस्तों के सपोर्ट से अपनी जरूरी स्किल को फिर से सीखा. जयपुर की मूल निवासी पद्मजा मुंबई में रहती हैं, उन्होंने खुद को एक फोटोग्राफर और फिल्म निर्माता के रूप में स्थापित किया और अपनी डायरी में अपनी रिकवरी जर्नी के बारे में बताया.

“सब कुछ खत्म हो गया था”

एक मीडिया ग्रुप को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “सब कुछ खत्म हो गया था, यहां तक ​​कि खाने की क्षमता भी खत्म हो गई थी. मैं खा नहीं सकती थी. यह मेरे लिए बहुत मुश्किल समय था. जब मैंने अपने डॉक्टर से पूछा कि ऐसा क्यों हुआ, तो उन्होंने बताया कि ब्रेन के दाहिने हिस्से में गड़बड़ी थी, जिसके कारण मैं अपने सभी स्किल भूल गई थी. मैं तब तक ठीक थी. मैं फोटोग्राफी, एक्टिंग और फिल्में बना रही थी. लेकिन सब खत्म हो गया.”

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नए सिरे से शुरू करनी पड़ी पढ़ाई

पद्मजा को अपनी सारी पढ़ाई बिल्कुल नए सिरे से शुरू करनी पड़ी. “मेरे पिता एक साल के लिए छुट्टी लेकर मेरे साथ रहने लगे. उन्होंने और मेरे दोस्तों ने मुझे सब कुछ सिखाया. मुझे भी बच्चों की तरह एबीसी सीखना पड़ा,” उन्होंने कहा. सितंबर 2017 में पद्मजा ने तेज सिरदर्द की शिकायत की जो कम नहीं हो रहा था. उन्होंने अलग-अलग डॉक्टरों से इलाज करवाया, लेकिन उन्हें दर्द से राहत नहीं मिली. आगे की जांच में, न्यूरोलॉजिस्ट ने पाया कि उन्हें सिर में फोड़े हैं, जो कैंडिडा फंगल संक्रमण के कारण थे, जो ब्रेन का एक दुर्लभ संक्रमण है. डॉक्टरों ने उन्हें फोड़े को साफ करने के लिए सर्जरी करवाने की सलाह दी.

40 दिन में हुई ब्रेन की चार सर्जरी

पहली सर्जरी 2017 में की गई, जिसके बाद एक और सर्जरी की जरूरत महसूस हुई. अगले 40 दिनों में, उनके ब्रेन की चार सर्जरी हुई. लगभग चार महीने बाद ब्रेन की हड्डी को वापस अपनी जगह पर रखने के लिए पांचवीं सर्जरी की गई. सात साल पहले, पद्मजा ने जो स्किल और क्षमताएं खो दी थीं, उन्हें फिर से हासिल किया और फिर से सीखा, जिसमें पढ़ना, लिखना, चलना, खाना और बोलना शामिल है. “यह मेरे लिए फिर से सीखने जैसा था. अब, लगभग सात साल बीत चुके हैं लेकिन मैं अभी भी सीख रही हूं,” उन्होंने कहा.

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पद्मजा पिछले तीन सालों से मुंबई में हैं. वह फोटोग्राफी, फिल्म बनाना और अभिनय कर रही हैं. उन्होंने बताया, “मैं वर्तमान में बॉम्बे पर एक फिल्म बना रही हूं.”

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