ट्रंप ने भारत को क्यों दिया 26% टैरिफ वाला डेंट, कब से होगा लागू? 5 सवाल में समझिए पूरा निचोड़

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत सहित तमाम व्यापारिक पार्टनर देशों पर व्यापक टैरिफ की घोषणा कर दी है. ट्रंप ने 2 अप्रैल को टैरिफ का ऐलान करते हुए इसे “लिबरेशन डे” या “मुक्ति दिवस” ​​​​कहा और इसे “अमेरिकी इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक” घोषित किया. जहां भारत पर 26% टैरिफ लगाने जा रहा है वहीं चीन पर 34% टैरिफ लगेगा. चलिए आपको हम सिंपल 5 सवालों के जरिए पूरा मामला समझाते हैं.

Q: अमेरिका किस देश पर कितना टैरिफ लगाने जा रहा है?

ट्रंप ने विदेश से आने वाली सभी वस्तुओं पर 10% से लेकर 49% तक टैरिफ लगाने की घोषणा की. इनमें भारत से आने वाले सामानों पर 26% टैरिफ, चीन से आने वाले सामानों पर 34% टैरिफ, यूरोपीय संघ से आने वाले सामानों पर 20% टैरिफ और यूनाइटेड किंगडम से आने वाले सामानों पर 10% टैरिफ शामिल है. साथ ही वियतनाम पर 46% टैरिफ, ताइवान पर 32%, जापान पर 24%, दक्षिण कोरिया पर 25%, थाईलैंड पर 36% और कंबोडिया पर 49%. अगर रेंज देखें तो तमाम देशों पर 10% से लेकर 49% तक के व्यापक टैरिफ लागू किए हैं.

 उन्होंने कनाडा या मैक्सिको पर कोई टैरिफ नहीं लगाया या उसकी घोषणा नहीं की है. इसके अलावा ट्रंप ने अमेरिका से बाहर बनने वाले सभी वाहनों पर 25% टैरिफ की घोषणा की.

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Q: अमेरिका यह टैरिफ कबसे लागू करेगा?

डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि 2 अप्रैल (अमेरिकी समयानुसार) घोषित टैरिफ आधिकारिक तौर पर आधी रात (अमेरिकी समयानुसार) से प्रभावी होंगे. यानी अगर भारत में बात करें तो यह 3 अप्रैल को रात के 9.30 बजे लागू होंगे.

Q: ट्रंप ने टैरिफ क्यों लगाया है?

अमेरिका राष्ट्रपति ने अपना चुनाव ही मेक अमेरिका ग्रेट अगेन और अमेरिका फर्स्ट के नारे के साथ जीता है. यानी वो संरक्षणवादी नीति को लागू कर रहे हैं. उनका आरोप है कि तमाम देश अमेरिका से आने वाले वस्तुओं पर ज्यादा टैरिफ लगाकर उसे अपने मार्केट में बेचने नहीं देते. अब अमेरिका भी टैरिफ बढ़ाकर ठीक ऐसा ही करेगा. ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका जवाबी टैरिफ के रूप में तमाम देशों द्वारा अमेरिकी वस्तुओं पर लगाए जा रहे टैरिफ का आधा ही टैरिफ लगाएगा.

Q: ट्रंप ने टैरिफ की घोषणा करते हुए सबसे बड़ी बात क्या कही?

  • “यह मुक्ति दिवस है, एक ऐसा दिन जिसका हम लंबे समय से इंतजार कर रहे थे. 2 अप्रैल 2025 को हमेशा उस दिन के रूप में याद किया जाएगा जिस दिन अमेरिकी इंडस्ट्री का पुनर्जन्म हुआ था, जिस दिन अमेरिका की नियति को फिर से प्राप्त किया गया था, और जिस दिन हमने अमेरिका को फिर से अमीर बनाना शुरू किया था, हम इसे अमीर, अच्छा और अमीर बनाने जा रहे थे.”
  • “दशकों से, हमारे देश (अमेरिका) को निकट और दूर के देशों, मित्र और शत्रु दोनों द्वारा समान रूप से लूटा, लूटा, बलात्कार किया गया है. अमेरिकी स्टीलवर्कर्स, ऑटो वर्कर्स, किसान और कुशल कारीगर… उन्हें वास्तव में गंभीर पीड़ा हुई.”
  • “मैं दुनिया भर के देशों पर पारस्परिक (रेसिप्रोकल) टैरिफ लगाने वाले एक ऐतिहासिक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर रहा हूं. रेसिप्रोकल, इसका मतलब है कि वे हमारे साथ जैसा कर रहे हैं, वैसा ही हम उनके साथ करेंगे.”
  • “उनके प्रधान मंत्री (नरेंद्र मोदी) हाल ही में (अमेरिका) आए थे… वह मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं, लेकिन मैंने उनसे कहा कि ‘आप मेरे दोस्त हैं, लेकिन आप हमारे साथ सही व्यवहार नहीं कर रहे हैं.. भारत हमसे 52 प्रतिशत चार्ज करता है, इसलिए हम उनसे इसका आधा – 26 प्रतिशत लेंगे.’

Q: ट्रंप के टैरिफ पर किस देश ने क्या कहा?

नॉर्वे– नॉर्वे के व्यापार और उद्योग मंत्री सेसिली मायरसेथ ने कहा है, “हम गणना कर रहे हैं और देख रहे हैं कि क्या हुआ है. लेकिन यह स्पष्ट है कि यह वर्ल्ड इकनॉमी के लिए गंभीर है, और यह नॉर्वे के लिए महत्वपूर्ण है.. पहली नजर में हम (यूरोपीय संघ) के खिलाफ 20% टैरिफ और नॉर्वे के खिलाफ कम से कम 10-15% देख रहे हैं. यह बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि हम यूरोपीय संघ को बहुत सारे निर्यात भी भेजते हैं. इसलिए, यह हम पर भी असर डालेगा. यह एक गंभीर दिन है.”

स्विट्जरलैंड– स्विस फेडरेशन के अध्यक्ष कैरिन केलर-सटर ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “फेडरल काउंसिल ने टैरिफ पर अमेरिकी फैसलों पर ध्यान दिया है. यह जल्द ही अगले कदम तय करेगा.. अंतरराष्ट्रीय कानून और मुक्त व्यापार का सम्मान मौलिक है.”

ऑस्ट्रेलिया– ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री एंथनी अल्बानीज ने कहा, “यह किसी दोस्त का काम नहीं है. हालांकि, उन्होंने बदले में टैरिफ लगाने का वादा करने में संकोच किया. उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया “नीचे की ओर दौड़ में शामिल नहीं होगा जो महंगाई और धीमी वृद्धि की ओर ले जाता है.”

स्वीडन– स्वीडिश प्रधान मंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “स्वीडन मुक्त व्यापार और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए खड़ा रहेगा.”

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