
Hosabale Statement On Constitution: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले (RSS Leader Dattatreya Hosabale) ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना में दो शब्दों – समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष का भाग्य बहस के जरिए तय किया जाना चाहिए. आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर आयोजित एक कार्यक्रम में होसबोले ने कहा कि इमरजेंसी के दौरान संविधान में दो शब्द धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी जोड़े गए थे, जो मूल प्रस्तावना का हिस्सा नहीं थे. इन शब्दों को बाद में हटाया नहीं गया. उन्हें रहना चाहिए या नहीं, इस पर बहस होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ये दो शब्द डॉ. अंबेडकर के संविधान में नहीं थे. इमरजेंसी के दौरान देश में न तो संसद थी, ना ही अधिकार और ना ही न्यायपालिका, फिर भी ये दो शब्द जोड़े गए.