
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में ऐसी कई फिल्में बनी हैं, जो अपनी अमिट छाप छोड़ गई हैं. ऐसी ही एक फिल्म है, जो साल 2016 में रिलीज हुई थी. यह एक बायोग्राफिकल ड्रामा फिल्म थी.
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में ऐसी कई फिल्में बनी हैं, जो अपनी अमिट छाप छोड़ गई हैं. ऐसी ही एक फिल्म है, जो साल 2016 में रिलीज हुई थी. यह एक बायोग्राफिकल ड्रामा फिल्म थी.
लिंगदोह ने कहा, ‘‘अगर गोवा ने विवाह से पहले एचआईवी जांच को अनिवार्य कर दिया है तो मेघालय को भी इस तरह का कानून क्यों नहीं लागू करना चाहिए? यह…
आज हम आपके लिए साहित्य अंक में गजानन माधव मुक्तिबोध की प्रसिद्ध कविता ”चांद का मुंह टेढ़ा है”, लेकर आए हैं…