
17 साल के इंतजार के बाद, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत गुरुवार को 2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले में अपना फैसला सुनाया. कोर्ट ने सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया है. कोर्ट ने फैसला सुनाने से पहले कहा कि बाइक साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के होने के कोई सबूत नहीं मिले.