
Uttarkashi Dharali Tragedy: शांत पहाड़, सेबों के बागान और ‘ईश्वर का तोहफा’ कही जाने वाली धराली घाटी… कल तक जहां सुबहें जीवन के संगीत से गूंजती थीं, आज वहां खौफ, डर, तबाही और बेबसी की गूंज है. उत्तरकाशी के धराली गांव में अचानक फटे बादल ने सबकुछ बदल दिया. महज 30 सेकेंड और ये शांत खूबसूरत घाटी, चीख-पुकारों के शोर में तब्दील हो गई. हजारों लोगों की आंखों के सामने मलबे का उफनता सैलाब उनके बाग-बगीचे, घर-आंगन को बहा ले गया. इसी के साथ बह गए उनके सपने भी. हर चीख, हर पुकार… गवाही देती रही कि कुदरत का कहर किस कदर बरपा और सबकुछ बर्बाद करता चला गया.