
80 साल पहले, 9 अगस्त 1945 को, नागासाकी पर गिरे परमाणु बम ने “इमैक्युलेट कन्सेप्शन कैथेड्रल” की घंटियों को खामोश कर दिया था। आज, 80 साल बाद, वे घंटियां फिर से एक साथ बजी हैं। यह कहानी है विनाश पर इंसानियत की जीत की, जहाँ परमाणु बम बनाने वाले मैनहैटन प्रोजेक्ट का हिस्सा रहे वैज्ञानिक के पोते ने ही इस शांति मिशन की पहल की।[3][4] देखिए कैसे नफरत को उम्मीद ने हराया।