
Bareilly Bulldozer Action: बरेली में हुई हिंसा के बाद प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है। चूंकि मामला मुसलमानों से जुड़ा है, इसलिए विपक्षी दलों में मुस्लिम हितैषी दिखने की होड़ सी मच गई है। कांग्रेस हो या समाजवादी पार्टी — कोई भी पीछे नहीं रहना चाहता। कांग्रेस ने इमरान मसूद और दानिश अली को बरेली भेजा, वहीं चंद्रशेखर रावण ने भी बरेली जाने की ठान ली। समाजवादी पार्टी तो और भी आगे निकल गई — उसने इकरा हसन, बर्क और मोहिबुल्लाह समेत अपने कई नेताओं को बरेली रवाना कर दिया। सवाल ये है कि क्या ये सब सिर्फ मुसलमानों को नाराज़ न करने की कोशिश है या फिर इसके पीछे कोई बड़ी चुनावी रणनीति छुपी है? बरेली के डीएम अविनाश सिंह ने कानून व्यवस्था को लेकर सख्ती दिखाई है, लेकिन नेताओं की जिद और सियासी चालों से हालात और उलझते दिख रहे हैं।